नमस्कार मित्रो आज हम आपको TATA Company के मालिक कौन है और TATA Company किस देश की कंपनी है इसके बारे में बताने वाले है आप सब जानते है की हाल में टाटा कंपनी कितनी बड़ी कंपनी है और यह कंपनी हाल में 100 से भी ज्यादा देशो में अपना व्यापार करती है व हाल में पुरे देश की जीडीपी में टाटा कंपनी का बहुत ही बड़ा योगदान है और अगर टाटा कंपनी अपने सभी बिजनेस बंद कर दे तो देश की जीडीपी में बहुत ही बड़ी गिरावट देखने की मिल सकती है जिससे आप अंदाजा लगा सकते है यह कितनी बड़ी कंपनी है.

TATA Company ke malik ka name

अपने टाटा कंपनी के कई सारे प्रोडक्ट आदि देखे होंगे व यह कंपनी कई अलग अलग क्षेत्र में अपना बिजनेस कर रही है व इसके साथ ही इस कंपनी के द्वारा लाखो लोगो को रोजगार भी प्राप्त हुआ है जो की एक बहुत ही बड़ी बात है व ऐसे में हर व्यक्ति यह जानना चाहता है की आखिर टाटा कंपनी के मालिक कौन है और यह किस देश की कंपनी है तो इसके बारे में हम आपको आज पूरी जानकारी देने वाले है.

TATA Company के मालिक का नाम

सबसे पहले तो हम आपको टाटा कंपनी के मालिक का नाम क्या हैं इसके बारे में बता देते है इस कंपनी के मालिक रतन टाटा है जो की भारत के सबसे सफल बिजनेसमैन में से एक है व टाटा ग्रुप के चेयरमैन भी रतन टाटा ही है व रतन टाटा ने अपनी कंपनी को इस मुकाम तक पहुंचने में काफी मेहनत और परिश्रम किया है जिसके कारण ही आज के समय में टाटा कंपनी भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में जानी जाती है.

रतन टाटा जितने बड़े बिजनेसमैन है उतने ही अच्छे व्यक्तित्व वाले इंसान भी है व देश पर जब भी कोई संकट आता है तब रतन टाटा अपनी तरफ से हर मुमकिन मदद देश को मुहैया करवाते है व देश को जब भी आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ा है तब तब इन्होने देश को पुन सामान्य स्थिति लाने के लिए कई तरह से देश को सहयोग प्रदान किया है.

TATA Company किस देश की है

टाटा कंपनी भारत की कंपनी है व इस कंपनी की शुरुआत भी भारत में ही की गयी थी पर हाल में यह कंपनी 100 से भी अधिक देशो में अपना व्यापार कर रही है और इस कंपनी का मुख्यालय भारत के मुंबई शहर में स्थित है.

हम सभी लोग कई तरह के टाटा के प्रोडक्ट आदि देखते है व यह कंपनी भारत की सबसे पुरानी  कंपनी है जो की हाल में भी बहुत ही अच्छे मुकाम पर है और कई तरह की बड़ी बड़ी विदेशी कंपनियों टक्कर दे रही है इस कंपनी की इतनी लोकप्रियता का मुख्य श्रेय इस कंपनी के मालिक रतन टाटा को जाता है.

टाटा कंपनी का इतिहास

टाटा कंपनी का इतिहास काफी पुराना है व इस कंपनी को 1868 में श्री जमशेदजी टाटा के द्वारा स्थापित किया गया था व टाटा कंपनी के सस्थापक जमशेदजी टाटा का जन्म 1839 को हुआ था और इसके बाद इन्होने 1858 में अपनी पढाई पूरी कर ली थी इसके बाद ये अपने पिताजी के बिजनेस में हाथ बताने लगे.

जब जमशेद जी ने टाटा कंपनी की शुरुआत की थी उस वक्त यह इसकी शुरुआत रुई बनाने की फैक्ट्री के रूप में हुई थी व इसके बाद यह कंपनी लगातार अपनी सेवाओं और अपने प्रोडक्ट को बढ़ता गया जिसकी बदौलत यह कंपनी हाल में भारत की सबसे बड़ी कंपनी के रूप में जानी जाती है और आज के समय में यह कंपनी हजारो प्रकार के प्रोडक्ट बनाती है और कई देशो में अपना व्यापार करती है.

जिस तरह हर बिजनेसमैन अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए पहले ही रणनीति और लक्ष्य बना लेते है वैसे ही जमशेद जी ने भी कई तरह के लक्ष्य बना रहे थे व  इनका सपना था की वो भारत में अपनी सबसे बड़ी होटल बनाये व परिणामस्वरूप इन्होने मुंबई में ताज होटल का निर्माण करवाया था जो की भारत की सबसे लोकप्रिय होटल है व इसके बाद 1904 में जमशेद जी का निधन हो गया था.

रतन टाटा का सबसे मुश्किल समय

रतन टाटा ने जब टाटा कंपनी के मालिक बने तो इसके बाद इन्हे कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ा इसी बिच इन्हे एक बहुत ही बड़ी समस्या का सामना भी करना पड़ा इसमें उनकी कंपनी को बहुत ज्यादा घाटा हो रहा था व इनकी सेल में भी बहुत बड़ी गिरावट देखने को मिल रही थी इसके बाद इनके सलाहकारों ने इस कंपनी को बेचने की सलाह दी.

ऐसे में रतन टाटा अमेरिका जाकर फोर्ड को कंपनी बेचने की बात  कही पर इस बात पर फोर्ड कंपनी के द्वारा इनका काफी अपमान किया गया व इन्हे कहा गया की जब आपको बिजनेस करना ही नहीं आता तो इस कंपनी में इतना बड़ा इन्वेस्ट क्यों किया व इसके साथ ही फोर्ड ने कहा की यह कंपनी खरीद कर हम आपके ऊपर एक अहसान कर रहे है इस बात ने रतन टाटा की पुरे जीवन को बदल दिया था.

परिणामस्वरूप इन्होने कंपनी बेचने का मन बदल दिया और इसी कंपनी को कड़ी मेहनत करके वापिस खड़ा करने की ठान ली और इसके बाद जिस कार की वजह से रतन टाटा की आलोचना हुई थी उसी कार का नया मॉडल बनाकर इन्होने सबको चौका दिया था व इसके बाद इनकी सेल में काफी ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली इसके बाद जब फोर्ड की बहुत ही बड़ी ब्रांड जेगुआर और लैंड रोवर घाटे में जा रही थी उस वक्त उन्होंने इन दोनों ब्रांड को खरीदकर अपने अपनमान का बदला लिया.

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस किस देश की कंपनी है

सबसे पहले तो हम आपको इसके बारे में बता देते है की यह किस देश की कंपनी है यह भारत की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है जो की कई अलग अलग देशो में व्यापार करती है व आंकड़ों के अनुसार 2008 में इस कंपनी को एशिया की सबसे बड़ी प्रोधोगिकी कंपनी माना गया है.

अगर हम अन्य आईटी कंपनियों के बारे में बात करे तो सबसे अधिक कर्मचारी इसी कंपनी के पास है इस कंपनी के पास 44 देशो में कुल 2,57,000 लोग काम करते है जो की अन्य सभी आईटी कंपनी की तुलना में सबसे अधिक है.

यह कंपनी भारत की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंपनी का ही एक हिस्सा है व यह कंपनी हाल में रसायन, इंजीनियरिंग, वित्तीय सेवाओं व दूरसंचार आदि से सम्बंधित प्रोडक्ट बनती है व सन् 2009 – 10 में इस कंपनी का मुनाफा लगभग 39% तक बढ़ गया था जो की तकरीबन 7,000.64 करोड़ रूपए तक का मुनाफा हुआ था व इसी दौरान इस कंपनी का मुनाफा भी 8% तक बढ़ गया था.

टाटा कंसल्टेंसी के मालिक कौन है

यह टाटा कंपनी का ही एक हिस्स्सा है व इस कंपनी की स्थापना 1949 में हुई थी व यह कंपनी भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक मानी जाती है व यह कंपनी न केवल भारत में बल्कि 44 अलग अलग देशो में अपना व्यापार करती है यह एक सार्वजनिक कम्पनी है व इसके हाल में चेयरमैन सायरस मिस्त्री व वाइस चेयरमैन एस रामदुरई है एवं टाटा कंसल्टेंसी के प्रबन्धक निदेशक नटराजन चन्द्रशेखरन है.

इस कंपनी का कुल राजस्व 48,894 करोड़ रूपए है व इस कंपनी की कुल संपत्ति सन् 2010 के आंकड़ों के अनुसार 5.6112 billion डॉलर है व 2012 के आंकड़ों की माने तो इस कंपनी में कुल 3,54,000 कर्मचारी काम करते है व इस कंपनी का मुख्य उद्योग सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएँ है.

टाटा कंसल्टेंसी का इतिहास

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस की स्थापना 1968 को हुई थी व इस कंपनी को इस कंपनी की जब शुरुआत हुई तो उस वक्त इसको टाटा कंपनी के एक समूह के तौर टाटा कंप्यूटर सेंटर नाम से हुई थी व शुरआत में इस कंपनी का उद्देश्य अपने समूह की सभी कंपनियों को कंप्यूटर सेवाएं प्रदान करना था व जल्दी ही यह कंपनी सफलता की और बढ़ने लग गयी थी व उस वक्त इलेक्ट्रिकल इंजीनियर फ़कीर चंद कोहली को टाटा कम्प्यूटर सेंटर कंपनी का जनरल मेनेजर  बनाया गया था व इसके कुछ समय बाद ही इस कंपनी का नाम टाटा कम्प्यूटर सेंटर से बदलकर  टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस रखा गया था.

सन् 1974 में इस कंपनी ने अपना पहला सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट प्रोजेक्ट आरम्भ किया था व इस प्रोजेक्ट को टीसीएस मुंबई महाराष्ट्र में आई. सी. एल. 1903  कंप्यूटर पर अंजाम दिया था इसके बाद 1990 में टीसीएस कंपनी के कारोबार में भारी बढ़ोतरी हुई थी जिसकी बदौलत इस कंपनी में अलग  अलग पदों पर बड बहुत बड़ी भर्ती निकाली गयी थी इसके बाद कुछ ही वर्षो में यह कंपनी खुद सॉफ्टवेयर उत्पादन कंपनी बनकर उभरी.

8 अक्टूबर 2020 में मार्केट कैपिटलाइज़ेशन में एक्सेंचर को पीछे छोड़कर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस कंपनी दुनिया की सबसे मूलयवान कंपनी बन गयी थी व इसके बाद हाल ही में 25 जनवरी 2021 को इस कंपनी ने वापिस एक्सेंचर को पीछे छोड़कर भारत की सबसे मूलयवान कंपनी बन गयी है व इसने  12.55 लाख करोड़ रूपए के मार्किट कैंप के साथ भारत की सबसे बड़ी रिलायंस इंडस्ट्रीज को भी पीछे छोड़ दिया है.

Calculaton – इस आर्टिकल में हमने आपको TATA Company के मालिक कौन है और TATA Company किस देश की है इसके बारे में जानकारी दी है हमे उम्मीद है की आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी उपयोगी लगी होगी अगर आपको जानकारी अच्छी लगे तो इसे अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें और इससे जुड़ा किसी भी तरह का सवाल पूछना चाहते है तो आप हमे कमेंट कर के बता सकते है.

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