नमस्कार मित्रो आज हम आपको सरोगेसी क्या होता है इसके बारे में बताने वाले है हाल में कई लोगो के मन में सरोगेसी को लेकर अलग अलग प्रकार के सवाल आते है एवं कई लोग इसके बारे में सोचते रहते है की आखिर सरोगेसी होता क्या है और इसके फायदे और नुकसान क्या क्या होते है तो इसकी पूरी जानकारी हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है.

sarogesi kya hota hai

हाल में सरोगेसी का नाम आपको कई अलग अलग जगह पर सुनने के लिए मिल जायेगा लेकिन ज्यादातर लोगो को इसके बारे में पता नही होता की सरोगेसी होता क्या है हालांकि इस प्रकार की जानकारी आपके जीवन में बहुत ही उपयोगी साबित होती है इसलिए आपको इसके बारे में पता होना बेहद ही आवश्यक है इसके बारे में विस्तृत जानकारी के लिए सरोगेसी क्या होता है यह आर्टिकल ध्यान से पढ़े.

सरोगेसी क्या होता है

सरोगेसी प्रक्रिया को अपनाने वाली महिलाओं को सरोगेसी मदर कहा जाता है एवं किसी भी महिला के सरोगेसी होने का पूर्ण निर्णय उस महिला के ऊपर निर्भर करता है जो सरोगेसी मदर बनना चाहती है, सरोगेसी मदर बनने के लिए किसी भी महिला के उपर किसी भी प्रकार की जबरदस्ती या दबाव आदि नहीं बनाया जा सकता क्युकी इस प्रक्रिया में सरोगेसी मदर को शिशु के जन्म तक उसकी देखरेख और निगरानी करनी होती है एवं जब शिशु जन्म लेता है तो उस शिशु के ऊपर हक़ केवल उस पति पत्नी का होता है जो महिला को सरोगेसी मदर बनने के लिये तैयार करते है इस प्रक्रिया को अपनाने वाले माता पिता को इंटेंडेड पेरेंट्स कहा जाता है.

अगर किसी भी महिला को किसी कारणवश संतान प्राप्त नही हो रही है तो उनके लिए यह प्रक्रिया एक वरदान की तरह साबित होती है इसके द्वारा कोई भी वैवाहिक जोड़ा संतान सुख को प्राप्त कर सकता है क्युकी बाँझ दम्पत्ति इस प्रक्रिया को अपनाकर आसानी से संतान प्राप्त कर सकते है इस प्रक्रिया में कोई भी दम्पति दूसरी महिला की कोख को प्रयोग में लेकर उससे संतान प्राप्त कर सकते है इसी को सरोगेसी के नाम से जाना जाता है.

सरोगेसी कितने प्रकार का होता है

हाल में लोग की सोच काफी तेजी से विकसित हो रही है ऐसे में आपको सरोगेसी के बारे में पता होना जरुरी है की आखिर यह कितने प्रकार की होती है तो हम आपको बता दे की यह 2 अलग अलग प्रकार की होती है अगर कोई भी दंपत्ति सरोगेसी करवाते है तो यह उनके ऊपर निर्भर करता है की वो कौनसे सरोगेसी तरीके को अपनाते है यह निम्न प्रकार से होता है.

ट्रेडिशनल सरोगेसी – इस प्रक्रिया में पिता के शुक्राणुओं को किसी दूसरी महिला के अंडो के साथ निषेचित किया जाता है यह दम्पति और उस महिला की इच्छा के ऊपर निर्भर करता है की वो सरोगेसी मदर बनना चाहती है या नहीं एवं इस प्रक्रिया में बच्चे का जैनेटिक संबंध केवल उसके पिता से होता हैं क्युकी इस प्रक्रिया में उस पुरुष की पत्नी की कोख किसी भी प्रकार से उपयोग में नही ली जाती.

जेस्टेशनल सरोगेसी – इस प्रक्रिया को IVF के रूप में भी जाना जाता है इसमें महिला के अंडे और पुरुष के शुक्राणुओं लेकर उनकी मदद से एक भ्रूण तैयार किया जाता है इसके बाद इसे दुबारा से सरोगेट मदर के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है इस प्रक्रिया में बच्चे का जैनेटिक सम्बन्ध माता और पिता दोनों से होता है एवं इस प्रक्रिया में सरोगेट मदर का बच्चे के साथ किस भी प्रकार का आनुवंशिक संबंध नहीं होता.

सरोगेसी किस प्रकार से होती है

सरोगेसी एक कॉन्ट्रैक्ट के समान होती है इस प्रक्रिया में कोई भी महिला अपनी इच्छा से किसी दुसरे कपल के लिए गर्भधारण करती है एवं शिशु को जन्म देती है इसके बाद जब शिशु का जन्म हो जाता है तो उस शिशु को उस कपल को सौप देती है जिसके लिए उस महिला ने गर्भधारण किया था इसके बाद उस शिशु के ऊपर केवल उस कपल का ही हक़ होता है एवं सरोगेसी मदर का उस शिशु के ऊपर किसी भी प्रकार का हक़ नहीं होता.

इस प्रोसेस पूर्ण रूप से कपल और सरोगेसी मदर की इच्छा के ऊपर निर्भर करता है अगर कोई कपल और वो महिला जिसे सरोगेसी मदर बनना हो वो से शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार हो तभी इस प्रोसेस को अपनाया जाता है एवं इसमें किसी भी एक व्यक्ति की इच्छा मायने नही रखती इसके लिए पति पत्नी और तीसरी महिला इन तीन लोगो की इच्छा मायने रखती है.

सरोगेसी प्रक्रिया को कौन अपना सकता है

सरोगेसी प्रक्रिया को अपनाने के लिए कुछ नियम कानून है जिसके तहत कोई भी कपल इस प्रोसेस को अपना सकता है हम आपको इसके कुछ खास नियम बता रहे है जिसे अपनाने वाले व्यक्ति इस तरीके को अपना सकते है.

  • जो दम्पति संतान प्राप्त करने में असमर्थ है वो इस तरीके को अपना सकते है.
  • अगर किसी भी महिला का गर्भ नहीं ठहर रहा है और संतान प्राप्ति का दूसरा तरीका न हो तो वो कपल इस तरीके को अपना सकते है.
  • इस प्रक्रिया को केवल वही कपल अपना सकते है जिनकी शादी को कम से कम 5 वर्ष पुरे हो गये हो.
  • सरोगेसी प्रक्रिया को अपनाने के लिए कपल के पास इनफर्टिलिटी सर्टिफिकेट होना आवश्यक है.
  • इस प्रक्रिया को अपनाने के लिए पति की उम्र 23 से 50 वर्ष के बिच होनी चाहिए एवं महिला की उम्र 26 से 55 वर्ष के बिच होनी चाहिए.

अगर कोई भी कपल इन नियम कानून को पूरा करता है तो वो इस प्रक्रिया को अपना सकता है और इसकी मदद से संतान सुख प्राप्त कर सकता है अगर कोई कपल इन नियमो को पूरा नही करता तो वो सरोगेसी प्रोसेस को नही अपना सकता.

सरोगेसी के लिए क्या करने

अगर किसी भी कपल को सरोगेसी प्रोसेस करवानी है तो इसके लिए सबसे पहले आपको किसी अच्छे अस्पताल में जाकर डॉक्टर से परामर्श लेना होता है इसके बाद डॉक्टर आपको कुछ आवश्यक टेस्ट करने की सलाह दे सकता है आप डॉक्टर के द्वारा बताये गये सभी टेस्ट करवा ले इसके बाद उन टेस्ट की रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टर आपको सरोगेसी करने की सलाह दे सकता है अगर आपको सरोगेसी की जरुरत होती तो डॉक्टर खुद आपको इसके बारे में बता देगा और अगर दवाई आदि के माध्यम से आप संतान सुख प्राप्त कर सकते है तो डॉक्टर आपको सही इलाज के द्वारा गर्भधारण करवाने में मदद करेगा.

निष्कर्ष  – इस आर्टिकल में हमने आपको सरोगेसी क्या होता है और सरोगेसी किसे कहते है इसके बारे में जानकारी दी है हमे उम्मीद है आपको हमारी बताई जानकारी उपयोगी लगी होगी अगर आपको जानकारी अच्छी लगे तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर जरुर करें और इससे जुडा किसी भी प्रकार का सवाल पूछना चाहे तो आप हमे कमेंट करके भी बता सकते है.

पिछला लेखEngineer Kaise Bane? इंजिनियर क्या होता है एवं इंजिनियर कैसे बनते है
अगला लेखभारत की आकृति कैसी है भारतीय जीके से जुडी जानकारी

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें