नमस्कार मित्रों आज हम आपको OBC Full Form के बारे में बताने वाले है हाल में हर एक व्यक्ति को ओबीसी के बारे में जानकारी होनी बेहद ही आवश्यक है क्युकी इस प्रकार की जानकारी जनरल नोर्लेज के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण साबित होती है अगर आपको ओबीसी के बारे में जानकारी नही है तो ऐसे में यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो सकता है.
अक्सर ज्यादतर लोगो को इसके बारे में पता नही होता की ओबीसी किसे कहते है और इसका पूरा नाम क्या होता है तो यह आर्टिकल इसी लिए लिखा गया है ताकि हम आपको ओबीसी के बारे में विस्तृत रूप से बता सके अगर आपको ओबीसी के बारे में अधिक जानकारी नही है तो OBC Full Form आर्टिकल को ध्यान से पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी समझ में आ सके.
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OBC Full Form
ओबीसी एक आरक्षित वर्ग है जिसमे कई प्रकार की अलग अलग सैकड़ो जातियां आदि है इस वर्ग में आने वाले लोगो को सरकारी नौकरी आदि में भी आरक्षण देने का प्रावधान होता है इसके बारे में अन्य जानकारी बताने से पहले हम आपको इसके पुरे नाम के बारे में बता रहे है जो की निम्न प्रकार से है.
OBC Ka FULL FORM: Other Backward Class
हिंदी में ओबीसी को अन्य पिछड़ा वर्ग भी कहा जाता है एवं इस वर्ग में अल्पसंख्यक धर्म के सभो लोगो को एवं मुस्लिम धर्म के लोगो को भी शामिल किया गया है यह वर्ग एससी, एसटी और जनरल की तुलना में सबसे बड़ा वर्ग है जिसमे सबसे ज्यादा जातियां आती है.
OBC किसे कहते है
ओबीसी एक बहुत ही पॉपुलर टर्म है जिसे अन्य पिछड़ा वर्ग के नाम से भी जाना जाता है एवं इस वर्ग में भारत की कई अलग अलग जातियां आती है इसके साथ ही मुस्लिम और अन्य किसी अल्पसंख्यक धर्म के लोगो को भी ओबीसी वर्ग में शामिल किया गया है, ओबीसी की जडे भारत के संविधान के अनुच्छेद 16 (4l और 340 में हैं जहां इसे पिछड़ा वर्ग के नाम से संकलित किया गया हैं OBC की पापुलेशन 42% हैं जबकी रिजर्वेशन 27% लोगो को ही दिया गया हैं 1980 मे मंडल आयोग की रिपोर्ट में ओबीसी का देश की जनसंख्या में 52% हिस्सा पाया गया व राष्ट्रीय नमुना सर्वेक्षण में 2006 तक ये आंकडा घट कर 41% तक आ गया.
भारत के संविधान में ओबीसी वर्ग को सामाजिक व शैक्षिक क्षेत्र मे पिछडे वर्ग के रुप में वर्णित किया गया है, ओबीसी को सार्वजनिक क्षेत्र के रोजगार में शिक्षा में 27% आरक्षण दिया जाता है एवं भारत में कुल 4 वर्ग है जिसमे जनरल, ओबीसी, एससी, एसटी आदि शामिल है इन सभी वर्गों में ओबीसी वर्ग सबसे बड़ा है और सबसे ज्यादा जनसख्याँ भी इसी वर्ग में आती है.
ओबीसी का मतलब क्या होता है?
ओबीसी वर्ग को सन् 1979 में बनाया गया था एवं जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब थे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए और सरकारी नौकरी में आरक्षण देने के लिए ओबीसी वर्ग में शामिल किया गया इस वर्ग में अधिकांश किसान, चारवाह, मजदुर, और गरीब परिवार के सदस्य आते है ओबीसी में आने वाले लोगो को आर्थिक रूप से माध्यम वर्ग का माना जाता है.
ओबीसी वर्ग नौकरी में आरक्षण देने का लाभ 1990 में वीपी सिंह की सरकार की सिफारिशों पर मंडल आयोग द्वारा दिया गया था इसके बाद ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी व शिक्षण संस्थानों एवं अन्य कई सरकार द्वारा निर्देशित उपक्रमों में 27% तक का आरक्षण दिया जाता है जिसका लाभ प्राप्त करके कोई भी ओबीसी का उम्मीदवार आसानी से सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकता है.
जिस वर्ग के लोग आर्थिक, शैक्षणिक व सामाजिक रूप से कमजोर थे उन सभी लोगो को ओबीसी में सम्मिलित किया गया था यह लोग पारम्परिक रूप से गरीब, किसान व अनपढ़ लोग थे जो की खेती और चारवाह आदि के द्वारा अपना घर चलाते थे हालांकि इस वर्ग के लोग खुद को एससी और एसटी से ऊपर मानते हैं जिसके कारण इन दोनों वर्गों में अक्सर कई बार कहासुनी भी होती रहती है.
ओबीसी में कौन कौन जातियां आती है
ओबीसी को सबसे बड़ा वर्ग माना गया है एवं इस वर्ग में सैकड़ो प्रकार की अलग अलग जातियां आती है हर क्षेत्र में अलग अलग जातियों को ओबीसी वर्ग में रखा गया है हम आपको इस वर्ग में आने वाली कुछ विशेष जातियों के बारे में बता रहे है जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए यह जातियां निम्न प्रकार से होती है.
- अहीर (यादव)
- कंडेरा, पिंजरा, मंसूरी
- कंसारा
- कच्ची, कच्ची कुशवाहा
- कलबी
- कलाल (टक)
- कसाई
- कांबी
- किरार
- कुम्हार (प्रजापति)
- खारोल
- गडरिए (गडरी), घोषी
- गाड़िया-लोहार, गादोला
- गिरी गोसाईं (गुसाईं)
- गुज्जर, गुर्जर
- घांची
- चरण
- चारण
- चूनगर
- छिप्पा (छिपी), भावसार
- जनवा,
- जनवा, सिरवी.
- जांगिड़, खाती
- जाट (भरतपुर एंड धौलपुर के जिलों को छोड़कर)
- जुलाहा (हिन्दू & मुस्लिम)
- जोगी, नाथ
- ठठेरा, कंसारा, भरावा
- ठठेरा, भरावा,
- डकौत, देशांतरी, रंगासामी (अडभोपा)
- डकौत, रंगासामी (अडभोपा), देशांतरी
- तमोली
- तमोली (तम्बोली)
- तेली
- दमामी, नगारची
- दरोगा, दरोगा-राजोट
- दरोगा, दरोगा-राजोट,
- रावना-राजपूत, हज़ूरी,
- वज़ीर
- दर्ज़ी
- देशवाली
- धाकड़
- धीवर,माली, क़ीर, मल्लाह, महरा
- नगारची
- नाइ
- नाइ, साइन, बैद नाइ
- न्यारिया
- पटवा
- पांचाल
- फ़क़ीर/ फकीर
- बंजारा, बलादिआ, लबाना
- बगारिआ
- बड़वा, भाट
- बरी
- बागवान
- भटिआरा
- भारभुजा
- मनिहार
- महा-ब्राह्मण
- माली
- माली सैनी, बागवान
- मिरासी, धड़ी
- मेर
- मेव
- मोगीअ
- मोची
- रंगरेज़, नीलगर
- राइ-सिख
- राइका, रेबारी
- रावत
- लखेरा (लखारा), मनिहार
- लोधी
- लोहार, पांचाल
- वैष्णव
- सक्का-भिश्ती, सक़्क़ा-भिश्ती
- सतिया-सिंधी
- साद, स्वामी
- सिंधी मुसलमान
- सिकलीगर
- सिरकीवाल
- सिरवी.
- सिलावट
- स्वर्णकार, सुनार, सोनी
- हेला
निम्न प्रकार से सैकड़ो अलग अलग प्रकार की जातियों को ओबीसी वर्ग में शामिल किया गया है एवं समय समय पर नयी नयी जातियों को ओबीसी वर्ग में शामिल किया जाता है इसलिए आने वाले समय में ओबीसी वर्ग में जातियों की संख्या बढ़ भी सकती है.
ओबीसी वर्ग के लाभ
ओबीसी वर्ग के किया अलग अलग प्रकार के लाभ होते है हम आपको ओबीसी वर्ग के कुछ सबसे बेहतरीन फायदे बता रहे है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए इस वर्ग का सबसे बड़ा फायदा यही है की प्रत्येक सरकारी नौकरी में इस वर्ग के उम्मीदवारों को 27 प्रतिशत तक का आरक्षण दिया जाता है इसलिए ओबी वर्ग के उम्मीदवारों को आसानी से सरकारी नौकरी प्राप्त हो जाती है.
जो लोग ओबीसी वर्ग में आते है एवं किसी विधालय या कॉलेज में पढाई करते है तो उन्हें सरकार की तरफ से नियमानुसार छात्रवृति भी प्रदान की जाती है जिससे की अभ्यर्थियों को आगे की पढाई करने में आसानी हो एवं इस छात्रवृति से विधार्थी अपनी जरुरत की सामग्री खुद ही खरीद सकते है इससे अभ्यर्थी के परिवार के ऊपर किसी भी प्रकार का बोझ नही पड़ता.
जो लोग ओबीसी वर्ग में आते है उन्हें सरकारी नौकरी में उम्र आदि में भी नियमानुसार छुट प्रदान की जाती है और कई प्रकार की सरकारी योजनाओं आदि का लाभ भी दिया जाता है अगर आप ओबीसी वर्ग को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं का लाभ प्राप्त करना चाहते है तो इसके लिए आपको अपना जाति प्रमाण पत्र बनाना आवश्यक है इसके बाद ही आप ओबीसी वर्ग को मिलने वाले लाभ का फायदा ले सकते है.
ओबीसी वर्ग के नुकसान
ओबीसी वर्ग में जिस प्रकार से कई तरह के फायदे होते है ठीक उसी प्रकार से कुछ नुकसान भी है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए हम आपको बता दे की इसका सबसे बड़ा नुकसान यही है की इस वर्ग को एससी एसटी की तुलना में कम आरक्षण दिया जाता है एवं जितने लाभ एससी एसटी वर्ग के उम्मीदवारों को दिए जाते है उतने लाभ ओबीसी वर्ग को नही दिए जाते ना ही इस वर्ग के लिए एससी एसटी वर्ग की तरह कोई विशेष कानून बनाए गये है.
सरकार के द्वारा एससी एसटी वर्ग के लोगो को जो विशेष लाभ दिए जाते है वो ओबीसी और जनरल वर्ग को नही दिए जाते है एवं एससी एसटी की तुलना में ओबीसी वर्ग को आरक्षण आदि भी कम दिया जाता है.
ओबीसी वर्ग में शामिल की गयी नयी जातियां
जैसा की हमने आपको बताया की आने वाले समय में अन्य कई अलग अलग जातियां ओबीसी वर्ग में शामिल हो सकती है हम आपको कुछ जातियों के नाम बता रहे है जो आने वाले समय में ओबीसी वर्ग में अपना स्थान बना सकती है यह जातियां निम्न प्रकार से है भूर्तिया, ओमर बनिया, माहौर वैश्य, अग्रहरि, जैसवार राजपूत, रूहेला, मुस्लिम शाह, बर्नवाल, मुस्लिम कायस्थ, हिन्दू कायस्थ, दोसर वैश्य, कमलापुरी वैश्य, कोर क्षत्रिय राजपूत, दोहर, अयोध्यावासी वैश्य, केसरवानी वैश्य, बागवान, हिन्दू भाट, भट्ट, गोरिया, बोट, पंवरिया, उमरिया, नोवाना, मुस्लिम भाट।
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इस आर्टिकल में हमने आपको OBC Full Form के बारे में जानकारी दी है हमे उम्मीद है आपको हमारी बताई गयी जानकारी उपयोग लगी होगी अगर आपको जानकारी अच्छी लगे तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर जरुर करें और इससे जुदा किसी भी तरह का सवाल पूछना चाहे तो आप हमे कमेंट के द्वारा भी बता सकते है.