नमस्कार मित्रो आज हम आपको मरने के बाद क्या होता है इसके बारे में बताने वाले है अक्सर हर व्यक्ति सोचता है की मरने के बाद क्या क्या होता है एवं मरने के बाद उस व्यक्ति की आत्मा क्या क्या करती है तो इसके बारे में पूरी जानकरी हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है अगर आप मरने के बाद आत्मा क्या क्या करती है इसके बारे में जानना चाहते है तो इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़े.
किसी भी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो इसके बाद उस व्यक्ति को अपने कर्मो के अनुसार कई प्रकार के फल भुगतने पड़ते है एवं कई प्रकार के अलग अलग कार्य करने होते है इसकी जानकारी हमे धार्मिक ग्रंथो से प्राप्त होती है एवं हर एक व्यक्ति को इसके बारे में पता होना आवश्यक है की आखिर मरने के बाद क्या होता है तो इसकी विस्तृत जानकारी हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले है.
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मरने के बाद क्या होता है
जैसा की आप सभी लोग जानते होगे की हर एक व्यक्ति को मृत्यु के पश्चात अपने कर्म भोगने होते है अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में अच्छे कर्म करता है तो मृत्यु के बाद उस व्यक्ति की आत्मा को सुख शांति प्राप्ति होती है और कोई व्यक्ति ख़राब कर्म करता है तो उसकी आत्मा को उसके कर्मो के अनुसार अनेक प्रकार की यातनाये दी जाती है एवं उसकी आत्मा को कई प्रकार के दुःख दिए जाते है यह सभी उस व्यक्ति के द्वारा किये गये कर्मो के ऊपर ही निर्भर करता है की मृत्यु के बाद उसे किस प्रकार का फल प्राप्त होगा.
आत्मा के लिए यमलोक के द्वारा
जब भी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो इसके बाद हर एक व्यक्ति की आत्मा को यमलोक के जाया जाता है एवं यमलोक में भी 4 अलग अलग प्रकार के द्वार बने हुए, जो व्यक्ति जिस प्रकार के कर्म करता है उसके हिसाब से किसी भी व्यक्ति की आत्मा को यमलोक ले जाने के लिए अलग अलग द्वार को चुना जाता है यह द्वार निम्न प्रकार से होते है.
यमलोक दक्षिण द्वार – यह सबसे कठिन द्वार माना जाता है इस द्वार से किसी भी आत्मा को यमलोक ले जाने पर उस आत्मा को कई प्रकार की यातनाये दी जाती है एवं इस द्वार से केवल उन्ही आत्मा को ले जाया जाता है जिन्होंने अपने जीवन में घोर पाप किये हो.
यमलोक का उत्तर द्वार – यमलोक में प्रवेश करने का यह सबसे आसान और अच्छा मार्ग माना जाता है इस मार्ग में केवल वही आत्माए आती है जिन्होंने अपने जीवन में अपने माता पिता की सेवा की हो और जिसने अपने जीवन में बड़े लोगो का आदर सम्मान किया हो.
यमलोक का पूर्व द्वार – अगर कोई व्यक्ति बहुत ही अच्छे कर्म करता है तो वो मृत्यु लोक से निकलकर मोक्ष को प्राप्त कर लेता है एवं मोक्ष को प्राप्त करने के लिए पूर्व द्वार बनाया गया है इसमें जो आत्मा जाती है उस आत्मा का स्वागत खुद देवता करते है एवं इस मार्ग में जाने वाली आत्मा मोक्ष को प्राप्त करती हैं.
यमलोक का पश्चिम द्वार – अगर किसी व्यक्ति ने दुसरो की रक्षा करते हुए अपने प्राण त्यागे हो या धार्मिक स्थान पर अपने प्राण त्यागे हो उन लोगो को पश्चिम द्वार में प्रवेश दिया जाता है इस द्वार में प्रवेश पाने वाले व्यक्ति को दुबारा अच्छी योनी में जन्म दिया जाता है और अच्छे परिवार में जन्म दिया जाता है.
मृत्यु के बाद कब तक आत्मा घर में रहती है
अगर किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो इसके बाद 13 दिन तक उसकी आत्मा उसी के घर में निवास करती है और अपने परिवार के द्वारा दिए गये दान पुण्य और पिंड आदि का सेवन करती है इसके साथ ही वह आत्मा 13 दिन तक अपने परिवार के द्वारा किये जाने वाले घार्मिक कार्य और विधि विधान को देखती है एवं अपने सभी परिचितों को देखती है
अगर मृत परिवार के लोग उस व्यक्ति की मृत्यु के बाद सभी कार्य विधि विधान से नहीं करते तो इसका कष्ट उस आत्मा को भुगतना पड़ता है एवं उस आत्मा को कई प्रकार के अलग अलग कष्ट भुगतने पड़ते है एवं यमदूतो के द्वारा उस आत्मा को कई प्रकार के दर्द और तकलीफे दी जाती है वही जिस परिवार के लोग व्यक्ति की मृत्यु के बाद दान पुण्य करते है और हर कार्य विधि विधान से करते है तो उस व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है और उसे किसी भी प्रकार की यातना नहीं भुगतनी पडती.
जब 13 दिन का विधि विधान पूरा हो जाता है और सभी धार्मिक कार्य पुरे हो जाते है तो इसके बाद उस आत्मा की यमलोक जाने की यात्रा शुरू हो जाती है इसमें उस आत्मा के साथ यमदूत होते है जो उस व्यक्ति के किये गये कर्मो के अनुसार उस व्यक्ति की आत्मा को यमलोक तक ले जाते है एवं अगर किसी व्यक्ति ने बहुत बुरे कर्म किये है तो उसकी आत्मा को यमलोक ले जाने में सैकड़ो वर्ष भी लग सकते है इस दौरान उसे कई प्रकार की यातनाओं को भुगतना पड़ता है.
वही जो व्यक्ति अपने जीवन में बहुत ही अच्छा कार्य करता है और दान पुण्य करता है और माता पिता की सेवा करता है उस व्यक्ति की आत्मा को यमदूत बहुत ही सुख शान्ति से और घोड़े पालकी में बैठा कर यमलोक ले जाते है, धर्मी आत्मा को यमदूतो के द्वारा किसी भी प्रकार की यातना या दुःख नही दिया जाता उन्हें एक राजा की भाति यमलोक तक पहुचाया जाता है इसके बाद यमलोक में भी उसके कर्मो के अनुसार उसे मोक्ष प्रदान किया जाता है या किसी अच्छी योनी में जन्म दिया जाता है.
व्यक्ति की आत्मा कहा से निकलती है
गुरुड पुराण के अनुसार मनुष्य की आत्मा 9 स्थनों से निकलती है अगर किसी भी व्यक्ति की आत्मा मुख से या आँखों से निकलती है तो वो व्यक्ति बहुत ही धर्मी होता है और उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है वही जो व्यक्ति पापी होता है उसकी आत्मा मूत्र मार्ग या गुदा से निकलती है उस वक्त वो प्राणी मॉल मूत्र का त्याग करने लग जाता है इस तरह से जो आत्मा निकलती है उसे गुरुड पुराण में खराब माना जाता है ऐसी आत्मा सदा नर्क में जाती है एवं ऐसी आत्मा को कई प्रकार की यातनाये और दुःख भोगने पड़ते है.
किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसी वक्त उस व्यक्ति की आत्मा कई अलग अलग अंगो से निकलने का प्रयत्न करती है जिस व्यक्ति की आत्मा नाभि से निचे के किसी भी स्थान से निकलती है तो वो नर्क में जाती है और जो आत्मा नाभि से ऊपर के किसी भी छेद से निकलती है वो आत्मा स्वर्ग में जाती है यह सभी व्यक्ति के कर्मो के ऊपर निर्भर करता है की उसकी आत्मा उसका शरीर किस छेद के माध्यम से त्यागती है.
पिंड दान क्या होता है
अक्सर किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उस आत्मा के लिए पिंड दान करवाया जाता है ऐसे में कई लोगो के मन में सवाल आता है की आखिर यह पिंड दान होता क्या है और किसलिए करवाया जाता है तो हम आपको बता दे की यह बेहद ही महत्वपूर्ण कर्म होता है.
हम जो पिंडदान करते है वो उस आत्मा के लिए भोजन होता है एवं जब आत्मा भूखी प्यासी यमलोक के रास्ते में जाती है तो उस वक्त उस आत्मा को भूख या प्यास लगने पर आपके द्वारा दिए गये पिंड का भोजन करवाया जाता है इसके बाद पुन उसे यात्रा के लिए आगे बढ़ना होता है इस प्रकार से आप जो भी पिंड करते है उसका आत्मा भोजन करती है और अपनी भूख प्यास को मिटाती है.
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निष्कर्ष – इस आर्टिकल में हमने आपको मरने के बाद क्या होता है इसके बारे में जानकारी दी है हमे उम्मीद है आपको हमारी बताई जानकारी उपयोगी लगी होगी अगर आपको जानकारी अच्छी लगे तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर जरुर करें और इससे जुडा किसी भी प्रकार का सवाल पूछना चाहे तो आप हमे कमेंट करके भी बता सकते है.