नमस्कार मित्रो आज हम आपको जज कैसे बने इसके बारे में बताने वाले है अक्सर आपने मूवी आदि में न्यायाधीश को देखा होगा ऐसे में कई लोगो का सपना होता है की वो एक जज बने लेकिन इसकी सही जानकारी पता न होने के कारण ज्यादातर लोगो का यह सपना पूरा नही हो पाता अगर आप एक जज बनना चाहते है तो आपको इसके बारे में कुछ आवश्यक जानकारी पता होनी आवश्यक है.
जज बनना कोई आसान काम नही है क्युकी यह बेहद ही जिम्मेदारी वाला पद होता है इसलिए जज बनने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होती है तभी आपका यह सपना साकार हो सकता है अगर आप सही तरीके से फॉलो करते है तो इसके बाद आप बहुत ही आसानी से जज बन साकते है अगर आप इससे जुडी विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो जज कैसे बने यह आर्टिकल ध्यान से पढ़े.
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जज कैसे बने
जज बनने से पहले आपको एक बात खुद से पूछनी जरुरी है की आखिर आप जज ही क्यों बनना चाहते है व इसके पीछे आपका मुख्य उद्देश्य क्या है व इसके बाद ही आप जज बनने का निर्णय ले एवं एक बात ध्यान रखे की आपको जज बनने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरुरत है क्युकी यह एक बेहद ही जिम्मेदारी वाली पोस्ट होती है इस कारण से आपको काफी मेहनत करनी होगी तभी आप जज बन सकते है और इस पद पर अपना सुनहरा भविष्य बना सकते है.
भारतीय न्याय व्यवस्था
आपको न्यायाधीश बनने से पहले इसकी न्याय व्यवस्था को समझना बेहद ही आवश्यक है यह जानकारी सभी के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है हम आपको भारतीय न्याय व्यवस्था के बारे में बता रहे है जो की निम्न प्रकार से है.
- सर्वोच्च न्यायालय अथवा सुप्रीम कोर्ट (पूरे भारत में एक)
- राज्य न्यायपालिका अथवा उच्च न्यायालय या हाईकोर्ट (पूरे भारत में चौबीस)
- जिला एवं सत्र न्यायालय (प्रत्येक जिले में एक)
निम्न प्रकार से भारत में न्यायालय की स्थापना की गयी है व सर्वोच्च न्यायालय सिर्फ दिल्ली में स्थित है व यह सबसे बड़ा न्यायालय है एवं भारत के अन्य सभी न्यायालय के फैसले पर सर्वोच्च न्यायालय फैसला कर सकता है व निचली अदालत के फैसले को बदलने का अधिकार भी इसके पास होता है.
जज और मजिस्ट्रेट में क्या फर्क है
कई लोग जज और मजिस्ट्रेट को एक ही मानते है पर इनमे कुछ अंतर भी होता है व यह अंतर होता है इनकी शक्तियों का एवं मजिस्ट्रेट की तुलना में जज को अधिक शक्तिया प्राप्त होती है जिसके बारे में हम आपको विस्तार से बता देते है.
- जज: जज को अदालत का न्यायाधीश होने के नाते प्रमुख मामलो, कानूनी मामलो, सवैधानिक और आपराधिक मामलों की सुनवाई करना होता है और निर्णय लेना होता है.
- मजिस्ट्रेट : मजिस्ट्रेट छोटे अपराधों की सुनवाई करता है व इन्हे अपने जिले के अधीनस्त अपराधों की सुनवाई करने का अधिकार होता है और निर्णय लेने का अधिकार होता है एवं मजिस्ट्रेट के फैसले को जज के सामने के सामने अथवा उच्चा न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है.
निम्न प्रकार से आप समझ चुके होंगे की आखिर मजिस्ट्रेट और जज में क्या अंतर होता है व किसके पर अधिक अधिकार और शक्ति होती है.
सिविल जज बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता
आपको सिविल जज बनने के लिए सबसे पहले बाहरवीं उत्तीर्ण करनी होती है व इसके बाद आप ग्रेडुएशन कर ले व साथ ही आपको एलएलबी की पढाई करनी होती है इसको करने के बाद आप वकील बन सकते है व जज भी दो तरह से बन सकते है पहला तो आप वकील से प्रोमोट होकर जज बन सकते है दूसरा आप इसकी परीक्षा देकर जज बन सकते है.
हालांकि आपको उसके लिए एलएलबी करनी जरुरी है व आप एलएलबी बाहरवीं या ग्रेडुएशन के बाद कर सकते है व इसके अलावा आपको कानून से जुड़े क्षेत्र में सूची होनी भी बेहद ही आवश्यक है क्युकी जितनी आपकी रूचि होगी आप उतनी ही मेहनत और लगन से पढाई कर पाएंगे और इसमें सफलता प्राप्त कर पाएंगे.
एलएलबी के बाद जज कैसे बने
अक्सर ज्यादातर लोग एलएलबी करने के बाद ही जज बनते है व इसके लिए आपको बाहरवीं या ग्रेडुएशन के बाद एलएलबी करनी होती है व जब आपकी एलएलबी पूरी हो जाती है तो इसके बाद आपको कुछ वर्ष तक आपको वकील के रूप में कार्य करना होता है व इसमें आपके अनुभव और आपके एक्सपीरियंस के आधार पर आपको जज बनने का मौका मिल सकता है और आप सीधे वकील से जज बन सकते है लेकिन यह काफी लम्बी प्रक्रिया होती है इसमें आपको वकील से जज बनने में कई साल लग सकते है.
परीक्षा द्वारा जज कैसे बने
यह सबसे अच्छा तरीका होता है कम समय में एक जज बनने का इसके लिए आपको राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सम्मिलित होना पड़ता है व इसकी परीक्षा प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है जिसमे आप सम्मिलित हो सकते है व इसकी परीक्षा के लिए आपको ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करना होगा.
इस भर्ती में आवेदन करने पर आपको लिखित परीक्षा और साक्षात्कार आदि से गुजरना होता है व इसके माध्यम से आप इसमें नौकरी प्राप्त कर सकते है इसमें अंत में एक मेरिट जारी होती है और उसमे प्राप्त अंको के आधार पर किसी भी केंडिडेट का जज के पद पर चयन किया जाता है उसके बाद आपको कुछ समय की ट्रेनिंग दी जाएगी व ट्रेनिंग पूरी होने के बाद आपको जज के पद पर नियुक्ति दी जाएगी.
जज बनने के लिए आवश्यक योग्यता
जज बनने के लिए आपको कुछ जरुरी योग्यता को पूरा करना होगा व इसके बाद ही आप जज बन सकते है इसके लिए निम्न प्रकार की योग्यता रखी गयी है.
- आपका भारतीय निवासी होना अनिवार्य है.
- आपको कम से कम 7 वर्ष तक वकील के तौर पर कार्य करना होगा.
- आपके पास कोई सरकारी या राजनैतिक पद नहीं होना चाहिए.
- आपको कानून से जुड़ा अच्छा अनुभव होना चाहिए.
- आपके पास लो की डिग्री होनी जरुरी है.
निम्न योग्यता को पूरा करना जरुरी है इसके बाद ही आप जज के लिए आवेदन करके एक जज बन सकते है और इसमें अपना बेहतरीन भविष्य बना सकते हैं.
जज बनने के लिए आवश्यक गुण
आपको जज बनना है तो इसके लिए आपके अंदर कुछ गुण होने बेहद ही जरुरी है यही आपको एक जज बना सकते है व इस पद के लिए कौन कौनसे गुण होने आवश्यक है इसके बारे में हम आपको बता रहे है जिसे आप ध्यान से देखे.
जिम्मेदारी: एक जज के ऊपर कई प्रकार की छोटी बड़ी जिम्मेदारियां होती है व आपको अपनी जिम्मेदारी निभाने में निपूर्ण होना जरुरी है इसके साथ ही आप जज की खुर्सी पर बैठे है तो आपको अपने पद की विनम्रता और गरिमा को बनाये रखना बेहद ही जरुरी है व आपको अपनी जिम्मेदारियों की पहचान होनी बेहद ही आवश्यक है.
न्याय की समझ होना: न्यायाधीश के लिए न्याय की समझ होना बेहद ही आवश्यक है क्युकी न्यायाधीश को न्याय के लिए ही नियुक्त किया जाता है ऐसे में अगर न्यायाधीश को ही न्याय की जानकारी नहीं होगी तो पूरी कानूनी व्यवस्था डगमगा जाएगी इसलिए जज बनने के लिए आपको न्याय की समझ होनी बेहद ही आवश्यक है.
विश्लेषण: न्यायाधीश को विश्लेषण में कौसल होना बेहद ही आवश्यक है क्युकी इसमें आपको कई तरह के दस्तावेजों की जाँच करनी होती है व आपको बहुत से अलग अलग प्रकार के दस्तावेज देखने को मिलेंगे ऐसे में अगर आप दस्तावेजों की जाँच करने में निपूर्ण होंगे तो आपको कार्यवाही करने और उचित न्याय करने में भी आसानी होगी.
धैर्य: न्यायाधीश में धैर्य होना सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है क्युकी किसी कार्यवाही में समय भी लग सकता है तो कुछ कार्यवाही ऐसी होती है जिसमे कई लोगो के बयान सुनने की आवश्यकता होती है ऐसे में आपके पास धैर्य होना जरुरी है तभी आप सही निर्णय ले सकते है और उचित कार्यवाही कर सकते है जबकि जिन न्यायधिक के पास धैर्य नहीं होता वो जल्दबाजी में फैसले लेते है और कई बार उनके फैसले गलत भी साबित होते है.
अंग्रेजी का अनुभव: एक न्यायाधीश को अंग्रेजी भाषा में निपूर्ण होना बेहद ही जरुरी है क्युकी जब भी कोई कार्यवाही होती है तो उसमे आपको जो दस्तावेज दिए जाते है वो लगभग अंगेजी में ही होते है इसलिए आपको अंग्रेजी का अनुभव होगा तो ही आप दस्तावेज को सही तरह से पढ़ सकते है और समझ सकते है व उनके आधार पर किसी निर्णय तक पहुंच सकते है.
यह मुख्य बाते है जो की न्यायाधीश को ध्यान में रखनी होती है इसके आलावा भी बहुत ही अलग अलग बाते होती है जो की किसी भी जज या न्यायाधीश को पता होनी बेहद ही आवश्यक होती है और आप भी न्यायाधीश बनेगे तो आपको इनका पालन करना आवश्यक है.
न्यायाधीश का वेतन
न्यायाधीश को उनके पद के और किस न्यायलय में कार्यरत है उसके आधार पर अलग अलग वेतन दिया जा सकता है व सामान्यत एक जज को 25000/- रूपए से लेकर 65000/- रूपए तक का वेतन दिया जा सकता है व इसके साथ ही उन्हें वाहन और मकान आदि जैसी कई बेहतरीन सुविधाएं भी प्रदान की जाती है इस पद पर सरकार द्वारा बेहद ही अच्छा वेतन प्रदान किया जाता है साथ ही काफी शक्तिया भी प्रदान की जाती है.
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जज की पढ़ाई कितने साल की होती है?
जज बनने के लिए आपको कितनी पढाई करनी होगी इसके बारे में निश्चित तौर पर कहा नही जा सकता लेकिन स्नातक उतीर्ण करने के बाद आपको सात साल तक वकील के तौर पर कार्य करना होता है इसके बाद आपको राज्य न्यायपालिका परीक्षा उतीर्ण करनी होगी तभी आप एक जज बन सकते है.
बिना वकील बने जज कैसे बने?
अगर आप चाहे तो बिना वकील बने भी जज बन सकते है लेकिन इसके लिए आपका एलएलबी कोर्स किया हुआ होना अनिवार्य है एवं आपका किसी न किसी बार काउंसिल से रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है तभी आप जज के लिए आवेदन कर पायेगे.
जज का काम क्या होता है?
जज का मुख्य कार्य कानूनी नियमानुसार किसी भी मामले की सुनवाई करना होता है एवं सही प्रकार से न्याय करना होता है इनका पूर्ण कार्य कानूनी नियमो के अंतर्गत होता है यह अपनी इच्छा से किसी भी प्रकार का न्याय नही कर सकते
जज का वेतन कितना होता है?
जज कई प्रकार के होते है जो जिला अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक नियुक्त होते है एवं इनका वेतन भी अलग अलग प्रकार से होता है सामान्यत इनका वेतन 3.25 लाख रूपए के करीब होता है.
जज के लिए कौन सी डिग्री चाहिए?
जज बनने के लिए आपके पास स्नातक की डिग्री होनी आवश्यक है इसके साथ ही आपके पास एलएलबी की डिग्री होनी चाहिए तभी आप जज बन सकते है.
क्या जज बनना आसान है?
जज बनना इतना आसान नहीं होता इसके लिए सबसे पहले आपको एलएलबी करनी होती है इसके बाद आपको न्यायिक सेवा परीक्षा या पीसीएस (जे) की परीक्षा उतीर्ण करनी होती है जिसके लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी तभी आप जज बन पायेगे
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इस आर्टिकल मे हमने आपको जज कैसे बने इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी है हमे उम्मीद है आपको हमारी बताई जानकारी उपयोगी लगी होगी अगर आपको जानकारी अच्छी लगे तो इसे अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें और इससे जुड़ा किसी भी प्रकार का सवाल पूछना चाहे तो आप कमेंट आदि के द्वारा भी बता सकते है.