रानी पद्मावती का इतिहास  मित्रों आज हम आपको राजस्थान के इतिहास के बारे मे बताने वाले हैं जिसमे आपको पद्मावती के जीवन से परिचय करवायेगे की पद्मावती कौन थी व उनका क्या इतिहास था पद्मावती का पूरा इतिहास चित्तौड़गढ़ किले से जुड़ा हैं  जो की राजस्थान मे स्थित हैं ये किला आज भी अपने शौर्य के लिए जाना जाता हैं व पद्मावती का  चित्तौड़गढ़ के राजा रतन सिंह अलाउद्दीन मुस्लिम शासक व के  मध्य हुए युद्ध के बाद इतिहास बना.

rani padmawati

rani padmavati पदमावती का नाम तो आपने सुना ही होगा व कई किताबो मे भी इनका जिक्र किया जाता हैं व हाल ही में बनी पदमन फिल्म से पद्मावती सिर्फ राजस्थान ही नही बल्की पूरे विश्व मे चर्चा का विषय बन गयी थी व आज में इसके बारे मे आपको पूरी जानकारी बताने वाला हूँ जिससे की आप भी पद्मावती के बारे मे जान सके की क्यु इस रानी को इतना सम्मान दिया जाता हैं.

Rani Padmavati का जीवन परिचय

पद्मावती के बारे में अन्य जानकारी बताने से पहले हम आपको इनके बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आपको बता रहे है.

  • पूरा नाम – रानी पद्मिनी
  • जन्म स्थान –  सिंघाला ( सिहल द्वीप )
  • माता का नाम –  चम्पावती
  • पिता का नाम – गंधर्व सेन
  • पति का नाम – राजा रावल रतन सिंह
  • मृत्यु – 1303 ( चित्तौड़गढ़ )

rani padmavati  का असली नाम पद्मिनी था या पद्मावती था इस बारे‌ मे इतिहासकारो के अलग अलग मत हैं कुछ इतिहासकार पद्मिनी का समर्थन करते हैं व कुछ इतिहासकार पद्मावती नाम का समर्थन करते है, पद्मावती चम्पावती की पुत्री थी व उनके पिता जी का नाम गंधर्व सेन था   उनका जन्म सिहल द्वीप में हुआ व उनके पास एक हिरामणी नाम का तोता था जिससे वो सबसे अधिक प्रेम करती थी वो तोता इंसानों की भाषा बोल व समझ पाता था.

पद्मावती सिहल द्वीप व आस पास के सभी राज्य मे सबसे सुन्दर राजकुमारी थी जिसकी हर राज्य व गावों मे चर्चा थी व padmawati की सुन्दरता इतनी थी की आज तक कोई कवी व इतिहासकार उनकी सुन्दरता का पुरा व्याख्यान नही कर पाया  कवियों के अनुसार पदमावती जब पानी पीती तो पानी भी उनके गले से साफ दिखाई देता था.

रानी पद्मावती  का स्वयंवर

पद्मावती के विवाह के लिए योग्य जीवन साथी के चुनाव के लिए गंधर्व सेन द्वारा स्वयंवर रखा गया  था जिसमें सभी राजपुत शासको को निमन्त्रण दिया गया व उसमे चित्तौड़गढ़ के राजा रतन सिंह भी पहुंचे जिनकी पहले से 13 रानीया थी राजा रतन सिंह ने उस स्वयवर मे एक छोटे राज्य के राजा मलखान सिंह को पराजित कर के पद्मावती से विवाह कर लिया व पद्मावती को अपने साथ चित्तौड़गढ़ ले आये.

रानी पद्मावती की कहानी

जैसा की आपको पद्मावती के बारे‌ में मैने उपर बताया हैं की पद्मावती का‌ विवाह वीर पराक्रमी महाराजा रत्नसिह के साथ हुआ व पद्मावती उनकी 14 वी रानी थी पर रत्न सिंह की वो सबसे प्रिय रानी थी उन्होंने पद्मावती से विवाह करने के पश्चात दुबारा विवाह नही किया padmawati अपार सुंदर होने के साथ साथ एक पतिव्रता नारी भी थी जिन्होंने अपनी कुल की इज्जत बचाने के लिए अपना आत्मदाह तक कर लिया था। रतन‌ सिंह वीर योद्धा के साथ  साथ संगीत व नृत्य के भी शौकीन थे उनके दरबार मे राघव चेतक नाम‌ का प्रसिद्ध संगीतकार था जिसे रतन सिंह काफी मानते थे.

पर राघव चेतक को काला जादू भी आता था पर ये बात राज्य मे किसी को भी पता नही थी पर राघव चेतक ने अपनी विध्या का प्रयोग अपने ही राजा रतन सिंह के खिलाफ किया तो इस बात का पता पूरे राज्य को चल गया और उसके बाद‌ रतन सिंह ने राघव चेतन का मुह काला कर के राज्य मे उसे बदनाम किया जिससे की वो रतन‌ सिंह का दुश्मन बन गया व वो रतन सिंह से अपनी बदनामी का बदला लेना चाहता था.

रतन सिंह व अलाउद्दीन खिलजी का युद्ध

राजा रत्न सिंह द्वारा अपमानित किया जाने पर राघव चेतन ने अपना बदला लेने के लिए अलाउद्दीन खिलजी को अपना हथियार बना लिया व राघव चेतन  अलाउद्दीन को अच्छे से जानता था क्युँकि उनके समय के वो एक महान शासक था जिसे सभी लोग जानते थे राघव चेतन ने अलाउद्दीन से दिल्ली मे मुलाकात की व उसमे पद्मावती के रूप का वर्णन कर के खिलजी को पूर्ण रुप से सम्मोहित कर दिया.

जिसके बाद अलाउद्दीन पद्मावती को देखने को बैचेन हो गये व राघव चेतन ने उनको padmawati का प्रतिबिंब देखने का तरीका बताया व उसके अनुसार खिलजी एक जंगल मे तालाब किनारे जा बैठे व पानी मे पद्मावती का प्रतिबिंब देखने का इंतजार करने लगे कुछ  समय मे उन्होंने किसी तरह से पद्मावती का प्रतिबिंब पानी मे देखा तो वो पूर्ण रुप से  सम्मोहित हो गये व किसी भी किमत पर पद्मावती को पाना चाहते थे पर चित्तौड़गढ़ की सुरक्षा को देख कर खिलजी ने बिना योजना के युद्ध करना ठिक नही समझा व वे वापिस दिल्ली लौट आये व युद्ध की तैयारी ने जुट गये राघव चेतक की मदद से उनको चित्तौड़गढ़ के सभी गुप्त रास्तों का पता चलता है.

चित्तौड़गढ़ की सुरक्षा से परिचित खिलजी बिना युद्ध किये ही पद्मावती को पाना चाहते हैं इसलिए  रत्न सिंह मित्रता के बहाने मिलने बुलाते हैं व समय पाकर वो रतन सिंह को बंदी बना लेता हैं व रतन सिंह के बदले मे padmawati की मांग करता हैं इसपर गोरा बादल जिसे पद्मावती अपना भाई मानती थी उनके साथ मिलकर पद्मावती एक योजना बनाती हैं व रतन सिंह को छुडाने का तरीका निकालती हैं व खिलजी को सन्देश भेजती हैं की वो खिलजी के पास आने को तैयार हैं बदले मे उन्हैंं रतन सिंह को छोडना पडेगा.

अतः चित्तौड़गढ़ से पालकी ( जिसमे महारानी बैठती थी ) मे  विश्वास पात्र सैनिकों को गोरा बादल के नेतृत्व मे भेजा गया जब पालकीया खिलजी के  शिविर के पास पहुची तो खिलजी मदहोस हो गया व अपनी रणनीति पर ध्यान नही दे पाया व खुद को विजय मानने लगा पर समय पाकर पालकी से सभी सैनिक उतरे व अचानक से धावा बोल दिया व रतन सिंह को भी छुडा कर चित्तौड़गढ़ दुर्ग मे भेज दिया व खिलजी से सैनिक लडते रहे जिसमे गोरा व बादल शहीद हो गये.

अत खिलजी ने चित्तौड़गढ़ पर आक्रमण का निर्णय लिया व चित्तौड़गढ़ पर विशाल सेना के साथ धावा बोल दिया चित्तौड़गढ़ की दिवारे व द्वार इतने मजबूत थे की खिलजी उन्हैंं भेद नही पाया अतः उसने राज्य के सारे गुप्त रास्ते बंद कर दिया कई दिनो बाद राज्य मे अन्न कम पडने लगा व खिलजी की सेना दुर्ग के चारो और होने से बाहर से सहायता पाना भी मुश्किल हो गया था.

रतन सिंह ने अन्त मे द्वार खोल के युद्ध का निर्णय लिया पर पद्मावती इससे परिचित थी की खिलजी की विशाल सेना के साथ् इस वक्त युद्ध मे विजय पाना नामुमकिन हैं इसलिए उन्होंने ने ठान लिया की विजय ना मिली तो वो जोहर कर लेगी इधर रतन सिंह ने निर्णय दे दिया की राजपूत व महाराजा अन्तिम सास तक खिलजी से लडते रहैंगे अन्त मे रतन सिंह की युद्ध मे मृत्यु हो जाती हैं व खबर‌ मिलने पर पद्मावती अपनी दासीयो के साथ मिल कर अग्निदाह कर लेती है.

पद्मावती का जौहर

पद्मावती का इतिहास उ‌नके जौहर की वजह से ही अमर हुआ हैं पद्मावती ने 26 अगस्त ‌ 1303 मे रतन सिंह की मृत्यु की खबर सुनकर पद्मावती व चित्तौड़गढ़ की अन्य दासीयो ने अपनी व अपने कुल  की इज्जत बचाने के लिए वो अपने राज्य के अग्निकुड मे समा गयी व दासीको के साथ अपना आत्मदाह कर‌ लिया आज भी चित्तौड़गढ़ मे पद्मावती को देवी मान कर प्रतिदिन पूजा की जाती हैं.

हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको रानी पद्मावती के बारे में जानकारी बताने का प्रयत्न किया है हमे उम्मीद है की आपको हमारी बताई गयी जानकारी उपयोगी लगी होगी अगर आप इससे सम्बंधित कोई सवाल पूछना चाहते है तो आप हमे कमेंट कर सकते है व जानकारी अच्छी लगे तो इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें.

पिछला लेखDear Ka Matlab Kya Hota Hai – डिअर किसे कहा जाता है एवं इसका अर्थ क्या होता है
अगला लेखMC Full Form – MC किसे कहते है एवं MC का अर्थ क्या होता है

अपना सवाल यहाँ पूछे

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें