आज हम आपको GST के बारे में बता रहे हैं की GST Full Form क्या होता हैं और यह क्या होता हैं और हम GST कैसे भर सकते हैं इन सब के बारे में आज के इस आर्टिकल में हम आपको जानकारी बताने वाले है कई लोग हैं जो GST के बारे में तो जानते हैं पर GST का पूरा नाम क्या क्या होता हैं इसके में नहीं जानते तो सभी लोगो को GST का पूरा नाम पता होना बहुत ही जरुरी हैं क्युकी भविष्य में कई बार इससे सम्बंधित जानकारी की हमे जरुरत पड़ती है.

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जैसा की आप जानते ही होगे की GST एक indirect tax होता हैं जो कई सेवाओं व वस्तुओ पर लगाया गया था GST को शुक्रवार को रात के 12 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के अलावा भारत के अन्य सभी राज्यों में लागू कर दिया अगर आपको GST के बारे मे जानकारी नही हैं तो आज हम आपको GST Full Form क्या हैं व GST की पूरी जानकारी हिन्दी में बताने वाले हैं.

GST Full Form

GST का पूरा नाम क्या होता हैं हम इसके बारे में आपको बता देते हैं ताकि आपको इसका पूरा नाम पता चल सके.

GST Full Form – Goods and Service Tax

GST Ka Full Form in Hindi – गुड्स एंड सर्विस टैक्स ( वस्तु एवं सेवा कर )

भारतीय संविधान के अनुसार सभी राज्यों की राज्य सरकार को वस्तुओं और उत्पादों की बिक्री पर टैक्स लगाने का अधिकार हैं था व सेवाओं और वस्तुओं के उत्पादन पर केंद्र सरकार अलग से टैक्स लगाती थी राज्य सरकार और केंद्र सरकार के अलग अलग सेवा कर के कारण टैक्स प्रक्रिया बहुत जटिल व बेहद उलजन भरी हो गयी थी जिसको आसान बनाने के उद्देश्य से भारत मे GST का‌ शुभारंभ किया गया था  इसमें सभी वस्तुओं पर पुरे भारत वर्ष में सिर्फ एक टैक्स  लगता है.

GST कितने प्रकार का होता हैं

GST तीन प्रकार का होता है.

  1. राज्य जीएसटी
  2. केंद्रीय जीएसटी
  3. इंटीग्रेटेड जीएसटी

-: राज्य जीएसटी राज्य सरकार द्वारा लागू किया जाता हैं.

-: केन्द्रीय व इंटीग्रेटेड जीएसटी केन्द्र सरकार द्वारा लागू किया जाता है.

GST क्या है

भारत में अलग अलग चीजों पर लगाया जाने वाला यह एक टेक्स होता हैं हम बाजार से कोई भी सामान लेते हैं या कोई भी वास्तु खरिदते हैं तो उसका मूल्य हम पहले की तरह ही देते हैं और दुकानदार भी मार्केट से व मार्केट वाले कंपनी से कोई भी प्रोडक्ट को उसी प्रकार से खरीदते हैं पर बस इससे टेक्स्ट देने का तरिका काफी हद तक बदल दिया गया है.

टेक्स क्या होता है

टेक्स के बारे में अधिकांश लोगो को तो पता ही होता हैं पर कई लोगो को इसके बारे में जानकारी नहीं होती टेक्स हमेशा डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स दो प्रकार का होता है.

डायरेक्ट टैक्स – भारत में इस टेक्स को देने वाले लोगो की सख्या बहुत ही कम होती हैं क्युकी सभी लोग नौकरी आदि नहीं करते व सभी लोग व्यापारी भी नहीं हैं जो की टेक्स भर सके अनुमानित 4% लोग ही भारत में डायरेक्ट टेक्स भरते है.

इनडायरेक्ट टैक्स – यह टेक्स सभी लोगो को देना होता हैं या सभी से लिया जाता हैं क्युकी आप कोई भी सामान आदि खरीदते हैं तो उसमे पहले से टेक्स के पैसे जोड़े हुए होते हैं और आप उस सामान को खरीद लेते हैं तो आपसे सामान के पैसे के साथ टेक्स के पैसे भी लिए जाते हैं जो की प्रोडक्ट की प्राइस के साथ जुड़े होते है.

इनडायरेक्ट टैक्स आपको डायरेक्ट किसी को भी नहीं देना होता बल्कि यह सामान आदि के साथ लिया जाता है.

सेंट्रल एक्साइज टैक्स

यह टेक्स केंद्रीय सरकार के द्वारा लिया जाता हैं न की राज्य सरकार के द्वारा व  जब किसी कंपनी या फेक्टरी में कोई सामान बनता हैं तो उसका टेक्स लिया जाता हैं जिसको जोड़ने से उस सामन की कीमत थोड़ी ज्यादा हो जाती है.

सेल्स टैक्स

कोई भी व्यक्ति किसी सामान को बेचता हैं तो उस विक्रेता से लिया जाने वाला टेक्स सेल्स टेक्स होता हैं जैसे की कोई मोबाइल की दूकान वाला सैमसंग फोन बेच रहा हैं तो उस फोन को बेचने का सरकार टेक्स लेती हैं जो दुकानदार या सेल्स मेन को देना होता है.

यह अमूमन राज्य सरकार के द्वारा ही लिया जाता हैं पर अगर आप किसी राज्य से बाहर कोई सामान बेचते हैं तो केंद्र सरकार भी इस टेक्स को ले सकती है.

भारत में इनके अलावा कई प्रकार के अलग अलग टेक्स लगाए जाते हैं उसमे से कुछ टेक्स मुख्य होते हैं जिसके बारे में हर भारतीय को जानकारी  होनी बहुत ही जरुरी  होती है.

हमने आपको इस आर्टिकल में GST Full Form क्या होता है इसके बारे में जानकारी दी है हमे उम्मीद है आपको इसके बारे में बताई जानकारी जरूर पसंद आयी होगी अगर आप इसके बारे में कोई सवाल पूछना चाहते है तो कमेंट कर के पूछ सकते है व जानकारी उपयोगी लगे तो इसको शेयर भी जरूर करें.

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