नमस्कार मित्रो आज हम DPT Full Form In Hindi के बारे में बात करने वाले है अक्सर लोग इसके बारे में कई बार पूछते है क्युकी अधिकांश लोगो को इसके बारे में नहीं होती ऐसे में यह आर्टिकल इसीलिए लिखा गया है ताकि हम आपको DPT के बारे में पूरी जानकारी विस्तृत रूप से बता सके.

DPT Full Form In Hindi

अगर आपको डीपीटी के बारे में जानकारी नहीं है तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा इसमें हम आपको DPT क्या है, DPT किसे कहते है, DPT का टिका कब और किसलिए दिया जाता है और DPT Full Form In Hindi इन सभी टॉपिक के बारे में आपको बतायेगे जिससे की आपको पता चल सके की आखिर यह डीपीटी होता क्या है इसके बारे में जानने के लिए आप इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़े.

DPT Full Form In Hindi

DPT किसे कहते है इसके फायदे और नुकसान क्या होते है इन सब के बारे में बताने से पहले हम आपको इसके पुरे नाम के बारे में बता रहे है.

DPT Full Form – Diphtheria Pertussis Tetanus

हिंदी में इसे डिप्थीरिया पर्टुसिस टेटनस कहा जाता है एवं यह एक टिका है जिसे भारत सरकार ने स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर अनिवार्य सूचि में जोड़ दिया है.

DPT क्या है

जैसा की आपको पता है की यह एक टीका है जो 6 महीने से कम उम्र के बच्चो को दिया जाता है यह टीका देना का मुख्य कारण यही है की इसके माध्यम से डिफ्थीरिया, कालीखांसी और Tittens से बच्चो को सुरक्षित रखा जा सके एवं आपको बता दे की वर्त्तमान में विकासशील देशो में हर वर्ष 1 साल से कम उम्र के करीब 3 लाख बच्चो की इस बीमारी के कारण मृत्यु हो जाती है.

जिन बच्चो को डीपीटी का टिका नहीं दिया जाता उन बच्चो को डिफ्थीरिया, कालीखांसी और Tittens आदि होने  का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है और इस बीमारी में अधिकांश बच्चो की मृत्यु हो जाती है जिससे बचाव के लिए सरकार ने डीपीटी के टीके को पुरे भारत में अनिवार्य कर दिया है.

डीटीपी की बीमारी बहुत ही खतरनाक होती है इसमें तीन बीमारियों Diphtheria, Pertussis और Tetanus toxoids का सयोजन होता है इसमें से Diphtheria और pertussis एक प्रकार का संक्रमण होता है जो की बहुत ही आसानी से बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से फ़ैल जाता है और दुसरो को भी बीमार कर सकता है वही टेटनस की बात करे तो यह चोट आदि के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करता है.

DPT टीका कब और किसे दिया जाता है

यह तीन तरह के संक्रमण से बचाव के लिए दिया जाने वाला टीका है यह टीका बच्चो को DPT जैसे संक्रमण से बचता है एवं गर्भवती महिलाओ को दिया जाने वाला DPT का टीका नवजात शिशु को सुरक्षित रखता है पर गर्भवती महिलाओ टीका लगवाने से पहले अपने डॉक्टय से सलाह लेनी अनिवार्य है.

DPT की वैक्सीन बच्चो के साथ किशोर और वयस्क लोगो को भी टेटनस, डिप्थीरिया और पर्टुसिस आदि से बचती है इसके लिए DPT  टीके की एक खुराक 11 से 12 वर्ष की उम्र में दी जाती है एवं इस तरह का एक और टीका भी होता है जिसे टीडी के नाम से जाना जाता है पर यह टीका केवल  टेटनस और डिप्थीरिया से बचाव करता है पर पर्टुसिस से बचाव नहीं सकता इसकी विस्तृत जानकारी आपको DPT  का टीका लगाने वाला डॉक्टर या विशेषज्ञ ही दे सकता है.

Diphtheria – यह बीमारी गले के पीछे की तरफ एक मोटी झिल्ली की तरह ढकने से  बनता है व इसमें व्यक्ति को लकवा,  सांस लेने के समस्या होना, और ह्रदय से जुडी समस्या हो सकती है इसके साथ ही इस बीमारी में हार्ट फ़ैल होने का खतरा भी बना रहता है जिससे व्यक्ति की मृत्यु तक हो सकती है.

Tetanus – ये बहुत ही गंभीर बीमारी है जो की मांसपेशियों के दर्दनाक कसने के कारण होती है व इस बीमारी में व्यक्ति मुँह नहीं खोल सकता न ही कुछ निगल सकता है और इस बीमारी में हर 10 में से 1 व्यक्ति की मौत हो जाती है.

Pertussis – यह स्वसन संक्रमण है जिसे हम सभी खांसी के रूप में जानते है शुरूआती दौर में इसके लक्षण सर्दी जुकाम जैसी होते है जिससे इसको पहचानना मुश्किल हो जाता है पर धीरे धीरे यह गंभीर हो जाती है.

DPT के दुष्प्रभाव

DPT का टीका लगने के बाद कुछ बच्चो में कुछ साइड इफ़ेक्ट देखने को मिल सकते है पर इसके साइड इफ़ेक्ट से डरने की जरुरत नहीं है यह किसी भी तरह से गंभीर नहीं होते इससे निम्न दुष्प्रभाव दिखाई दे सकते है.

  • दर्द होना
  • बुखार आना
  • सूजन आना
  • त्वचा का पीला दिखना
  • चलने में परेशानी होना
  • चिड़चिड़ापन होना
  • अवसाद
  • बच्चे का अधिक रोना

निम्न तरह के परिणाम DPT के बाद कुछ बच्चो में देखने को मिल सकते है व अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर की सलाह ले सकते है.

DPT की खुराक कब दी जाती है

DPT की खुराक कब दी जाती है इसके बारे में आपको ध्यान रखना चाहिए हम आपको इसकी खुराक कब दी जाती है इसके बारे में बता रहे है जो निम्न प्रकार से है.

  • पहली खुराक 6 सप्ताह की उम्र में
  • दूसरी खुराक 10 सप्ताह की उम्र में
  • तीसरी खुराक 14 सप्ताह की उम्र में
  • पहली खुराक 15 से 18 माह की उम्र में
  • दूसरी खुराक 5 वर्ष की उम्र में

इस उम्र में DPT की खुराक अथवा टीका लगाया जाता है इसके बारे में आपको डॉक्टर भी बता देंगे की किस वक्त बच्चे को DPT की खुराक दिलवानी है.

इस आर्टिकल में हमने आपको DPT Full Form In Hindi के बारे में जानकारी दी है हमे उम्मीद है आपको हमारी बताई जानकारी उपयोगी लगी होगी अगर आपको जानकारी अच्छी लगे तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें और इससे जुड़ा किसी भी तरह का सवाल पूछना चाहे तो आप हमे कमेंट करके बता सकते है.

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