नमस्कार मित्रो आज हम आपको डायलिसिस क्या होता है इसके बारे में बताने वाले है अक्सर कई बार आपने डायलिसिस के बारे में पढ़ा और सुना होगा लकिन ज्यादातर लोगो को इसके बारे में पता नही होता की आखिर डायलिसिस किसे कहते है तो इस आर्टिकल में हम आपको डायलिसिस से जुडी बेहद ही खास जानकारी बताने वाले है जो आपके लिए बेहद ही उपयोगी साबित हो सकती है.
अक्सर कई लोगो को गुर्दे से जुडी समस्या होने पर डॉक्टर के द्वारा डायलिसिस करने की सलाह दी जाती है एवं कई अस्पतालों में यह सेवा उपलब्ध होती है पर लोगो को इसकी सही जानकारी न होने के कारण ज्यादातर लोग इसका नाम सुनते ही डर जाते है अगर आपको डायलिसिस के बारे में जानकारी नहीं है तो डायलिसिस क्या होता है यह आर्टिकल ध्यान से पढ़े ताकि आपको इसकी पूरी जानकारी प्राप्त हो सके.
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डायलिसिस क्या होता है
डायलिसिस को हिंदी में अपोहन भी कहा जाता है एवं यह एक ऐसी प्रक्रिया होती है जब किसी भी मरीज की किडनी या गर्दे काम करना बंद कर देते है तो ऐसे में उस मरीज के शरीर में रक्त के अवरिस्ट पदार्थ या अधिक तरल पदार्थ जमा हो होने लग जाते है जिसके कारण मरीज को रक्तचाप, ह्रदय, चयापचय, अम्लीयता जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है ऐसे में डायलिसिस के माध्यम से उस व्यक्ति के शरीर में जमा अवरिस्ट एवं तरल पदार्थो को बाहर निकाला जाता है.
जो व्यक्ति डायलिसिस की प्रक्रिया को करता है उस व्यक्ति को डायलिसिस टेक्नीशियन कहा जाता है एवं इसके लिए कोर्स एवं डिप्लोमा होते है जिन्हें करने के बाद व्यक्ति को डायलिसिस करने का पूरा अनुभव प्राप्त हो जाता है एवं जब कोई व्यक्ति डायलिसिस का कोर्स करता है तो उसे इसका सर्टिफिकेट भी दिया जाता है जिसके माध्यम से वो किसी भी अस्पताल आदि में आसानी से नौकरी प्राप्त कर सकता है.
डायलिसिस कितने प्रकार का होता है
अक्सर कई लोगो को इसके बारे में पता नही होता की डायलिसिस कितने प्रकार का होता है तो हम आपको बता दे की यह 2 प्रकार का होता है एवं दोनों ही डायलिसिस की प्रक्रिया अलग अलग प्रकार से होती है जो निम्न प्रकार से है.
रक्तापोहन डायलिसिस
इसे अंग्रेजी भाषा में Hemodialysis भी कहा जाता है एवं इस प्रक्रिया में मरीज के रक्त से जहरीले पदार्थ को डायलाइज़र मशीन के द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है यह समस्या तब होती है जब गुर्दे या किडनी पूरी तरह से काम करना बंद कर देते है या बेहद ही ख़राब स्थिति में होते है एवं जिन्दा रहने के लिए मरीज को यह प्रक्रिया बार बार दोहरानी पडती है.
एक बार जब मरीज के शरीर से जहरीले पदार्थ निकाल दिए जाते है तो गुर्दे और किडनी के सही प्रकार से कार्य न करने के कारण दुबारा से उस व्यक्ति के शरीर में इस प्रकार की समस्या होने लग जाती है ऐसे में दुबारा से उस व्यक्ति को डायलिसिस करवाना होता है इस प्रकार से मरीज को आजीवन इस प्रक्रिया को दौराना होता है.
उदरावरणीय डायलिसिस
उदरावरणीय डायलिसिस को प्रतिदिन नहीं करना पड़ता एवं यह रक्तापोहन की तुलना में काफी कम प्रभावी होती है इसके साथ ही यह महँगी होती है इस कारण से इसका इसका उपयोगी कम किया जाता है यह डायलिसिस थोडा अलग प्रकार का होता है इसे अंग्रेजी भाषा में Peritoneal dialysis कहा जाता है यह ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमे व्यक्ति के शरीर से रक्त को नहीं निकाला जाता एवं इस प्रक्रिया को रोगी के परिवार का सदस्य घर पर भी डॉक्टर के निर्देशानुसार कर सकता है.
डायलिसिस कब किया जाता है
अगर किसी भी व्यक्ति के गुर्दे या किडनी कार्य करना बंद कर देते है तो ऐसे में उस व्यक्ति के शरीर में कई प्रकार के जहरीले पदार्थ जमा होने लग जाते है एवं यह बाहर नहीं निकल पाते ऐसे में डॉक्टर के द्वारा उस मरीज को डायलिसिस करने की सलाह दी जाती है इस दौरान उस मरीज के रक्त को साफ़ किया जाता है एवं उसके रक्त में से विषैले पदार्थो को बाहर निकाला जाता है एवं बादमे उसके रक्त को फ़िल्टर करके दुबारा से उस व्यक्ति के शरीर में पहुचाया जाता है.
अगर कोई भी व्यक्ति लम्बे समय से मधुमेह की बीमारी से ग्रसित है या रक्तचाप से जुडी बीमारी से ग्रसित है तो इस स्थिति में डॉक्टर के द्वारा उस व्यक्ति को डायलिसिस करवाने की सलाह दी जा सकती है यह सलाह मरीज की स्थिति एवं उसकी बीमारी को देखते हुए दी जाती है कई बार इस प्रकार की बीमारी गंभीर स्थिति में न होने पर दवाइयों से ठीक हो जाती है तो डायलिसिस करने की जरुरत नहीं पडती.
डायलिसिस के लक्षण कौनसे है
अक्सर कई लोगो को इसके बारे में पता नही होता की एक मरीज को डायलिसिस की जरुरत कब पडती है तो ऐसे में हम आपको इसके कुछ मुख्य लक्षण बता रहे है जिसमे मरीज को डायलिसिस करवाना पड़ सकता है यह लक्षण निम्न प्रकार से है.
- अगर मरीज को बिलकुल भूख न लगे.
- अगर मरीज को उल्टियाँ हो रही हो.
- मरीज के शरीर में खुजली हो रही हो.
- अगर मरीज के शरीर में हिमोग्लोबिन की मात्रा कम होने के कारण एनीमिया हो जाए,
- मरीज को मूत्र त्याग करते वक्त दर्द महसूस हो.
- मरीज को कम पेशाब आने पर.
- मरीज को मांसपेशियों में ऐठन होने पर
- मरीज को कम नींद आने पर
अगर किसी भी व्यक्ति को निम्न प्रकार की समस्या हो तो ऐसे में उस मरीज को डायलिसिस करने की सलाह दी जाती है यह सलाह डॉक्टर अन्य कुछ जाँच करने के बाद ही देते है.
डायलिसिस करने में कितना खर्च आता है
डायलिसिस करने के लिए सभी अस्पतालों का अलग अलग शुल्क होता है अगर कोई व्यक्ति डायलिसिस करवाता है तो इसका खर्चा इस बात पर निर्भर करता है की उस व्यक्ति को कितनी बार डायलिसिस करवाने की जरुरत है अगर मरीज को सप्ताह में 2 या 3 बार डायलिसिस करवानी है तो इसका खर्चा प्रयेक डायलिसिस करवाने पर 2 से 3 हजार रूपए तक हो सकता है.
लेकिन अगर मरीज की स्थिति गंभीर है और डायलिसिस की प्रक्रिया महीने भर तक चलती है तो इसमें करीब 8 बार डायलिसिस किया जाता है जिसका कुल खर्च 25 हजार रूपए से लेकर 30 हजार रूपए तक भी हो सकता है एवं डायलिसिस के खर्चे की सटीक जानकारी आप संबंधित अस्पताल से संपर्क करके भी प्राप्त कर सकते है.
क्या डायलिसिस में दर्द होता है
कई लोग यह सोचकर डर जाते है की डायलिसिस करने पर कितना दर्द होगा या क्या क्या अनुभव होगा तो हम आपको बता दे की यह प्रक्रिया दर्द रहित होती है इसमें रोगी को दर्द सहन नही करना होता लेकिन इसके कारान रोगी को उल्टी, चक्कर, सिरदर्द जैसी कुछ अस्थाई परेशानियां देखने के लिए मिल सकती है जो डॉक्टर के द्वारा दी गयी दवाइयों से ठीक हो जाती है.
डायलिसिस के बाद क्या सेवन करें
अक्सर कई लोगो को इसके बारे में पता नही होता की डायलिसिस के बाद क्या सेवन करना चाहिए और क्या सेवन नहीं करना चाहिए हालांकि डॉक्टर के द्वारा डायलिसिस करने के बाद आपको इसकी पूरी जानकारी बता दी जाती है की आपको किस चीज का सेवन करना चाहिए और किन चीजो का सेवन करने से बचना चाहिए ऐसे में हम आपको कुछ तरीके बता रहे है जिससे आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर रख सकते है.
पोष्टिक आहार ले
डायलिसिस करने के बाद सबसे पहले तो आपको पोष्टिक आहार लेने पर ध्यान देना चाहिए जितना हो सके उतना आपको पोष्टिक आहार लेने का प्रयत्न करना चाहिए अगर आप पोष्टिक आहार लेते है तो इससे आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा इसके लिए आप ज्यादा प्रोटीन वाले पदार्थ जैसे अंडे, सामन, क्विनोआ, सोया दूध और बादाम का दूध आदि का सेवन कर सकते है यह किडनी के लिए बेहद ही अच्छे आहार माने जाते है.
टहलने की आदत बनाये
डायलिसिस के बाद अच्छे स्वास्थ्य के लिए आपको हल्के फुल्के व्यायाम करने की सलाह दी जाती है ऐसे में आप टहलने की आदत बना सकते है यह बेहद ही अच्छा व्यायाम माना जाता है अगर आप प्रतिदिन थोडा थोडा टहलने की आदत बना लेते है तो इससे आपका स्वास्थ्य अच्छा रहता है और पाचन तंत्र मजबूत होता है.
समय पर दवाई ले
डायलिसिस के बाद डॉक्टर के द्वारा आपको कुछ आवश्यक दवाइयां दी जाती है जिनका सेवन करना बेहद ही आवश्यक है इसके लिए आप प्रतिदिन डॉक्टर के द्वारा दी गयी दवाइयों का डॉक्टर के निर्देशानुसार सेवन करें एवं कभी भी डॉक्टर से पूछे बिना किसी भी दवाई को बंद न करे नही तो बादमे आपको गंभीर समस्या देखने के लिए मिल सकती है.
तनाव लेने से बचे
डायलिसिस के रोगी को हमेशा तनाव लेने से बचना चाहिए अगर आप ज्यादा तनाव में रहते है तो इसके कारण आपको कई प्रकार की छोटी बड़ी समस्या देखने के लिए मिल सकती है और आपका स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है इसलिए हमेशा आप अपने दिमाग को शांत रखने का प्रयत्न करे एवं जितना हो सके उतना तनाव लेने से बचे ताकि बंद यापको किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े.
जंक फ़ूड का सेवन न करें
डायलिसिस करने के बाद मरीज को जंक फ़ूड का सेवन करने से बचना चाहिए यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही खतरनाक साबित होते है अगर आप जंक फ़ूड का सेवन करते है तो डायलिसिस के बाद आपको कई प्रकार की समस्या देखने के लिए मिल सकती है और आपका स्वास्थ्य तेजी से ख़राब होने लग सकता है इसलिए आपको कभी भी जक फ़ूड का सेवन नहीं करना चाहिए इसकी जगह आप पोष्टिक आहार ले सकते है.
धुम्रपान से बचे
डायलिसिस के रोगी को किसी भी प्रकार के धुम्रपान से बचना बेहद ही आवश्यक है अगर आप धुम्रपान करते है या शराब का सेवन करते है तो इससे आपको स्वास्थ्य में काफी ज्यादा समस्या देखने के लिए मिल सकती है एवं आपका स्वास्थ्य बेहद ही तेजी से ख़राब होने लग सकता है इसलिए आपको जितना हो सके उतना धुम्रपान करने से बचना चाहिए अगर आप किसी भी प्रकार का नशा करते है तो उसे आपको अभी से बंद कर देना चाहिए.
फल फ्रूट्स का सेवन करने
डायलिसिस के रोगी को फल फ्रूट्स का जितना हो सके उतना ज्यादा सेवन करना चाहिए अगर आप नियमित रूप से फल फ्रूट्स का सेवन करते है तो इससे आपको शरीर को भरपूर पोषण मिलता है एवं आपको स्वास्थ्य में भी काफी ज्यादा लाभ प्राप्त होता है इसके लिए आप डॉक्टर से संपर्क करके पता कर सकते है की आपको कौन कौनसे फल फ्रूट का सेवन करना चाहिए ताकि आपको बेहतर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो सके.
नियमित चेकअप करवाते रहे
एक बार डायलिसिस होने के बाद आपको समय समय पर अपने स्वास्थ्य की जाँच करवाते रहना चाहिए और किसी भी प्रकार की छोटी बड़ी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए इससे आप किसी भी प्रकार की गंभीर समस्या से खुद का बचाव कर सकते है एवं कभी भी किसी भी लक्षण या समस्या को नजरअंदाज न करें.
चिप्स नमकीन का सेवन कम करें
डायलिसिस करने के बाद आपको चिप्स, कुरकुरे और नमकीन आदि का सेवन करना भी बंद कर देना चाहिए इससे आपको स्वास्थ्य में काफी ज्यादा लाभ प्राप्त हो सकता है एवं अगर आप इसका सेवन बंद नहीं कर पा रहे है तो इनका जितना हो सके उतना कम सेवन करने का प्रयत्न करे ताकि आपको बादमे किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े.
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इस आर्टिकल में हमने आपको डायलिसिस क्या होता है इसके बारे में जानकारी देने का प्रयास किया है हमे उम्मीद है आपको हमारी बताई जानकारी उपप्योगी लगी होगी अगर आपको जानकारी अच्छी लगे तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर जरुर करें और इससे जुडा किसी भी प्रकार का सवाल पूछना चाहे तो आप हमे कमेंट करके भी बता सकते है.