नमस्कार मित्रो आज हम आपको CTC Full Form के बारे में बताने वाले है अक्सर में कई लोगो के मन में CTC को लेकर अलग अलग प्रकार के सवाल होते है ऐसे में हम आपको CTC से जुडी कुछ बेहद ही खास जानकारी देने वाले है इसमें हम आपको CTC क्या होता है और CTC फायदे कौन कौनसे होते है इसके बारे में विस्तृत रूप से बताने वाले है ताकि आपको इसकी पूरी जानकारी प्राप्त हो सके.
CTC की जानकारी हर एक व्यक्ति के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है अगर अगर आप प्राइवेट नौकरी करते है या प्राइवेट नौकरी करना चाहते है तो ऐसे में CTC से जुडी जानकारी आपके लिए काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है CTC शब्द का इस्तमाल हर एक क्षेत्र में अगल अलग प्रकार से किया जाता है अगर आपको CTC के बारे में अधिक जानकारी नही है तो CTC Full Form आर्टिकल को ध्यान से पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी समझ में आ सके.
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CTC Full Form
अगर कोई भी कंपनी किसी कर्मचारी को नौकरी पर रखती है तो उस कर्मचारी का वेतन CTC के रूप में दिया जाता है एवं कर्मचारी को उसका वेतन सीधे उसके बैंक अकाउंट में भेजा जाता है साथ ही कर्मचारी को अपने वेतन में से 30% से 40% पैसा ही प्राप्त हो पाता है व किसी भी कर्मचारी को CTC के बराबर पैसा नहीं दिया जाता, CTC से जुडी अन्य बेहद ही खास जानकारी बताने से पहले हम आपको इसके पुरे नाम के बारे में बता रहे है जी की निम्न प्रकार से है.
CTC Ka Full Form: Cost To Company
CTC को हिंदी में कंपनी को लागत कहा जाता है एवं कई लोग इसे कर्मचारी के वेतन का वार्षिक पॅकेज भी कहते है इसमें किसी भी कंपनी के द्वारा कर्मचारी पर कितना खर्च होता है उसे दर्शाता जाता है एवं इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरीके से होने वाले लाभ को शामिल किया जाता है हाल में ज्यादातर बड़ी और पोपुलर कंपनियां इसी प्रोसेस को फॉलो करती है.
CTC क्या है
जैसा की आप जानते है की कर्मचारी के वेतन का वार्षिक ही CTC कहलाता है एवं भारत में सभी कंपनी अपने कर्मचारियों को यह सुविधा उपलब्ध नहीं करवाती यह एक इसी सुविधा है इसका लाभ कंपनी और कर्मचारी दोनों को होता है इस प्राक्रिया में कंपनी अपने कर्मचारियों को कितना वेतन देती है एवं उस वेतन के साथ साथ कंपनी अपने कर्मचारियो को जो अन्य सुविधाए प्रदान कर रही है उसकी लागत कितनी आ रही है इन सभी खर्चो को शामिल किया जाता है एवं इन सभी खर्चो को कंपनी उस कर्मचारी के वार्षिक पॅकेज में शामिल करके दर्शाती है.
अगर किसी कर्मचारी को CTC के तहत कंपनी 12 लाख रूपए का वार्षिक पॅकेज देती है और उस कर्मचारी को कंपनी के द्वारा 4 लाख की अन्य सुविधाए प्रदान की जा रही है तो उस व्यक्ति के अकाउंट में कंपनी 8 लाख रूपए के हिसाब से ही प्रतिमाह वेतन भेजती है इसलिए किसी भी कर्मचारी को अपने पॅकेज की तुलना में प्रतिमाह 30% से लेकर 40% तक कम वेतन प्राप्त होता है.
CTC का उदाहरण क्या है
CTC को बेहतर ढंग से समझने के लिए आपको इसे उदाहरण सहित समझने का प्रयत्न करना चाहिए जैसे की आप किसी कंपनी में कर्मचारी है और आपका वेतन 60 हजार रूपए महीना है तो इसका अर्थ है की कंपनी आपको 7 लाख 20 हजार रूपए की वार्षिक सैलेरी दे रही है इसके साथ ही कंपनी आपके आवास के लिए प्रतिवर्ष 75 हजार रूपए खर्च करती है व् आपके मोबाईल रिचार्ज या इन्टरनेट आदि पर कंपनी प्रतिवर्ष 12 हजार रूपए खर्च करती है और आपके आने जाने के लिए कंपनी प्रतिवर्ष 18 हजार रूपए खर्च करती है तो यह सभी खर्चे CTC में आपके पॅकेज में जोड़े जाते है.
निम्न खर्चो को मिलाने पर आपका वेतन 7,20,000 + 18,000 + 75,000 + 12,000 = 8,25,000/- रूपए तक होता है इसका अर्थ है की कंपनी आपको CTC के आधार पर सालाना 8,25,000/- रूपए का वेतन दे रही है एवं आपका कुल मासिक वेतन सभी खर्चो को मिलाने के बाद 68,750/- रूपए प्रतिमाह तक होता है.
CTC में दिए जाने वाले फायदे
अक्सर कई लोगो को इसके बारे में पता नही होता की आपको CTC में कौन कौनसे फायदे दिए जाते है तो हम आपको बता दे की इसमें आपको 3 अलग अलग प्रकार के फायदे दिए जाते है जो की निम्न प्रकार से है.
- Direct Benefits: इसमें कोई भी कंपनी अपने कर्मचारियों को सीधा लाभ प्रदान करती है जिसमे पेमेंट भुगतान प्रणाली शामिल होती है इसके तहत किसी भी कर्मचारी को प्रतिमाह कर्मचारी को निश्चित वेतन दिया जाता है इसमें डायरेक्ट अकाउंट में मिलने वाला वेतन या ऑफलाइन प्राप्त किया गया वेतन दिनों शामिल होते है.
- Indirect Benefits: इसमें वो लाभ होते है जो कर्मचारी को सीधे तौर पर नही दिए जाते इसमें आपको कंपनी के द्वारा कुछ अलग अलग प्रकार की सुविधाए प्रदान की जाती है जिसमे आने जाने का खर्चा, वाहन का खर्चा, आवास का खर्चा, मोबाईल का खर्च, मेडिकल खर्च आदि शामिल होते है.
- Savings contribution: इसमें कर्मचारियों के वेतन से कुछ खास कटौतियां की जाती है जिनका फायदा कर्मचारियों को भविष्य में दिया जाता है इसमें पीएफ, पेंशन मेडिकल इन्शुरन्स आदि शामिल होते है इसका फायदा आपको तब दिया जाता है जब आप नौकरी छोड़ते है या आप रिटायर होते है या आपको मेडिकल की आवश्यकता पडती है.
इस प्रकार से हर एक कर्मचारी को कंपनी निम्न प्रकार से फायदे प्रदान करती इसके द्वारा दिए जाने वाले सभी फायदे कर्मचारियों के वेतन में ही शामिल किये जाते है.
कंपनी के द्वारा दी जाने वाली सुविधाए
हर एक कंपनी अपने कर्मचारियों को अलग अलग प्रकार की सुविधाए प्रदान करती है अगर आप किसी कंपनी में कार्य करते है तो वहां के नियमानुसार आपको अलग अलग प्रकार की सुविधाये दी जा सकती है जिसमे निम्न प्रकार के लाभ शामिल है.
- कंपनी में आने जाने का किराया या खुद के वाहन का की खर्चा
- किसी भी प्रकार की बीमारी के लिए इसके लिए मेडिकल इन्शुरन्स
- रहने के लिए अच्छा और सुविधाजनक आवास
- कंपनी के द्वारा अपने कर्मचारियों को ब्याजमुक्त लोन उपलब्ध करवाना
- कर्मचारियों के फोन का बिल और रिचार्ज एवं इन्टरनेट की व्यवस्था
- कर्मचारियों के खाने पीने की व्यवस्था
इस प्रकार से सभी कंपनी अपने कर्मचारियों को अलग अलग प्रकार से लाभ प्रदान करती है एवं हर कंपनी अपने कर्मचरियों की तुलना में आधिकारियों को अधिक सुविधाए प्रदान करती है इसमें मिलने वाली सुविधाओं का खर्चा आपके पॅकेज में ही शामिल किया जाता है.
CTC और सैलेरी में क्या अंतर है
CTC और वेतन में कई प्रकार के अंतर होते है CTC एक वार्षिक पॅकेज होता है जिसमें कंपनी आपके ऊपर खर्च होने वाले सभी खर्चो को शामिल करके दर्शाती है वही वेतन में आपको एक निश्चित राशि दी जाती है आपका जितना मासिक वेतन निश्चित होता है आपको प्रतिमाह उतना ही वेतन दिया जाता है उसमे किसी भी प्रकार की कटौती नही की जाती.
हाल में जितनी भी बड़ी कंपनी है वो अपने कर्मचारियों और अधिकारीयों को CTC पॅकेज के आधार पर नियुक्ति देती है इसमें कंपनी अपने कर्मचारियों के ऊपर होने वाले खर्च को उनके पॅकेज में से ही काटती है जबकि जो कंपनी बेसिक वेतन के ऊपर कर्मचारियों और अधिकारीयों की नियुक्ति करती है उन्हें अपने कर्मचारियों पर किसी भी प्रकार का खर्च नही करना होता इसलिए यह कंपनी अपने कर्मचारियों को निश्चित राशि बिना किसी कटौती के उपलब्ध करवाती है.
ग्रोस सैलरी क्या होती है
किसी भी कंपनी के द्वारा CTC के तहत वेतन के साथ साथ आपको अन्य कई प्रकार की सुविधाए जैसे मकान, गाड़ी, मोबाइल, इंटरनेट, ट्रैवलिंग प्रदान की जाती है तो इन सभी का खर्च कंपनी के द्वारा उठाया जाता है यह सभी खर्चा आपके वार्षिक पॅकेज में से ही काटा जाता है इन सभी खर्चो में से पीएफ और ग्रेच्युटी को निकालने के बाद जो भी वेतन बचता है उसी को ग्रोस सैलेरी कहा जाता है.
नेट सैलरी क्या होती है
ग्रोस सैलरी से जो टैक्स, प्रोविडेंट फंड और अन्य सभी प्रकार की कटौतियां करने के बाद अंतिम रूप से आपको जो निश्चित राशि प्राप्त होती है जिसे हम सैलेरी के रूप में जानते है उसे नेट सैलरी कहा जाता है यह किसी भी कर्मचारी की टेक-होम सैलरी होती है जिसे एक फ़ाइनल राशि भी कहा जाता है एवं यह राशि कर्मचारी को सीधे उसके बैंक अकाउंट में भेज दी जाती है.
CTC से कर्मचारियों को मिलने वाले फायदे
जैसा की हमने आपको बताया की CTC से कर्मचारी और कंपनी दोनों को ही फायदा होता है कर्मचरियों को इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है की आपको घर के किराये के लिए या टेलेफोन बिल के लिए या कार्यालय आने जाने के लिए किसी भी प्रकार का खर्चा अपनी सैलेरी से नही करना पड़ता यह सभी खर्चा कंपनी आपको प्रदान करती है और अगर आप किसी कारणवश बीमार हो जाते है तो मेडिकल बीमा के तहत आपको काफी अच्छा पैसा कंपनी के द्वारा प्राप्त हो जाता है.
इसके साथ ही इसका दूसरा फायदा यह होता है की इसमें आपका पीएफ आदि भी काटा जाता है जो की आपकी सेविंग होती है इसके लिए आपको अपने वेतन से सेविंग करने की जरुरत नही पडती जब आप रिटायर होते है या नौकरी छोड़ते है तो उस वक्त आप अपने पीएफ के पैसे को प्राप्त कर कर सकते है एवं आपका जो पीएफ कंपनी के द्वार्रा काटा जाता है उसमे भी आपको पैसे प्राप्त करते वक्त बहुत ही अच्छा रिटर्न देखने के लिए मिल जाता है और आपका जितना पैसा कटा है उससे काफी ज्यादा पैसा आपको वापिस प्राप्त हो जाता है.
CTC से कंपनी को मिलने वाले फायदे
CTC से कंपनी को भी काफी ज्यादा फायदा होता है इसके द्वारा कंपनी अपने कर्मचारियों पर जबरदस्ती कई तरह की सुविधाए थोप देती है जिसकी ज्यादातर कर्मचारियों को जरूरत नही होती और उन सभी सुविधाओं का कर्मचारियों को अपने वार्षिक पॅकेज में से पेमेंट करना होता है इसका सीधा मतलब यही है की कर्मचारियों को मिलने वाली सभी सुविधाए उनके वेतन से ही दी जाती है इसमें कंपनी अपना एक भी पैसा खर्च नही कर रही है.
साथ ही कई कंपनी ऐसी होती है कर्मचारियों से आवास आदि का कुल लागत से अधिक पैसो की कटौती करती है इसके कारण कर्मचारियों को अपने आवास आदि के लिए अधिक पैसे चुकाने होते है और कंपनी को इससे काफी ज्यादा फायदा हो जाता है इसके अलावा CTC में कंपनी अपने कर्मचारियों को अधिक वेतन दिखाकर अट्रेक्ट कर सकती है इससे कंपनी को आसानी से आवश्यकता अनुसार कर्मचारी मिल जाते है इस तरह से CTC से कंपनी की भी कई तरह के लाभ प्राप्त होते है.
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निष्कर्ष: इस आर्टिकल में हमने आपको CTC Full Form के बारे में जानकारी दी है हमे उम्मीद है आपको हमारे बताई जानकारी उपयोगी लगी होगी अगर आपको जानकारी अच्छी लगे तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर जरुर करें और इससे जुडा किसी भी प्रकार का सवाल पूछना चाहे तो आप हमे कमेंट करके भी बता सकते ही.