नमस्कार मित्रो आज हम आपको CTBT Full Form के बारे में बताने वाले है इस शब्द के बारे में अधिकांश लोगो को पता नहीं होता की आखिर इसका अर्थ क्या है और इस शब्द का इस्तमाल कब और किस स्थिति में किया जाता है तो इसकी पूरी जानकारी हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले है.
जैसे जैसे विज्ञान बढ़ रहा है वैसे ही टेक्नोलॉजी भी बढ़ती जा रही है ऐसे में आपको कुछ आवश्यक शब्दों के बारे में पता होना चाहिए जो विज्ञान या टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए हो जैसे की CTBT यह एक बेहद ही अहम् शब्द है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए इसके बारे में जानने के लिए आप CTBT Full Form आर्टिकल को ध्यान से पढ़े.
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CTBT Full Form
CTBT क्या है एवं इसका अर्थ क्या है इन सब के बारे में बताने से पहले हम आपको इसका पूरा नाम क्या है इसके बारे में बता रहे है.
CTBT Full Form in Hindi : Comprehensive Nuclear Test Ban Treaty
हिंदी में इसे व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि कहा जाता है व इसका उद्देश्य परमाणु हथियार बनाने से रोकना होता है.
CTBT क्या है
CTBT एक तरह की असेम्बली होती है जो मिलिक्ट्री एवं सिविलियन आदि को परमाणु हथियार बनने और उनको किसी भी तरह से मॉडिफाई करने से रोकता है इसे रोकने का मुख्य कारण यही है की परमाणु हथियार मानव सभ्यता के लिए बेहद खतरनाक होता है और इसका गलत इस्तमाल करोडो जीवो के लिए घातक साबित हो सकता है.
इस संधि को अब तक 182 से भी अधिक देशो का समर्थन मिल सकता है इसलिए यह बहुपक्षीय समझौता माना जाता है यह किसी भी तरह के परमाणु हथियार, विस्पोटक आदि के निर्माण और परिक्षण को भी प्रतिबंधित करता है.
CTBT का इतिहास
CTBT के प्रस्ताव को पारित करने का श्रेय यूनाइटेड नेशन की जनरल असेम्बली को जाता है उनके द्वारा 24 सितम्बर 1996 को हस्ताक्षर के लिए इसे जारी किया गया था इसके बाद इसे अन्य कई देशो का बहुत ही भारी बहुमत प्राप्त हुआ.
जैसे जैसे समय बिता वैसे वैसे कई देश इसके समर्थन में आते गए और देखते ही देखते 2016 तक 180 देशो ने इस प्रस्ताव पर अपने हस्ताक्षर करके इसका समर्थन किया इसके सबसे आखिरी में हस्ताक्षर करने वाले देश टोबैगो और त्रिनिदाद थे.
CTBT का महत्त्व
CTBT के पारित होने के बाद कई तरह के बदलाव आये है व परमाणु हथियार मोडिफाई करने व परमाणु हथियार का निर्माण करने में यह बहुत बड़ी बाधा बन चूका है इसके साथ ही इसके महत्त्व निम्न प्रकार से है.
- यह समझौता किसी भी देश में परमाणु हथियार बनाने और उनका परीक्षण करने में बाधा उत्पन्न करता है.
- किसी देश द्वारा पहले जो परमाणु हथियार बनाये गए है उनमे बदलाव करने या उन्हें मॉडिफाई करने में यह बढ़ा उत्पन्न करता है.
- जो देश छुपकर परमाणु परिक्षण करते है उनके खिलाफ यह कानूनी कार्यवाही कर सकते है.
- इस समझौते का मुख्य उद्देश्य मानव सभ्यता को परमाणु हथियारों से बचाये रखना है.
निम्न तरह से यह कार्य करता है व इसका पालन विश्वभर के हर देश में किया जाता है अगर कोई भी देश इसका उलंघन करने की कोशिश करता है तो उसके ऊपर कड़ी कार्यवाही की जा सकती है.
परमाणु परीक्षा का इतिहास
परमाणु परीक्षा का इतिहास काफी बड़ा है क्युकी विश्व के कई देश इसका परिक्षण कर चुके है CTBT के आने से पूर्व 1945 से लेकर 1996 तक तक़रीबन 2000 से भी अधिक न्यूक्लियर परिक्षण किये गए थे एवं इसके कुछ मुख्य पॉइंट निम्न प्रकार से है.
- एक यूनाइटेड स्टेट ने अकेले 1000 से अधिक परमाणु परिक्षण किया है.
- दूसरे नंबर पर सोवियत संघ आता है जिसने तक़रीबन 700 परमाणु परिक्षण किए है.
- परमाणु परिक्षण में तीसरा स्थान फ्रांस का आता है जिसमे 200 से अधिक परमाणु परिक्षण किये है.
- परमाणु परीक्षा में चौथे स्थान पर यूनाइटेड किंगडम और चीन आता है जिसके द्वारा 45 परमाणु परिक्षण किये.
कुल मिलकर इसका अर्थ यही है की अधिकांश देशो ने CTBT की स्थापना से पहले ही परमाणु हथियार बना लिए थे व आज यह परमाणु हथियार किसी भी क्षेत्र में तबाही मचा सकते है और यह इतने शक्तिशाली होते है की मानव सभ्यता को मिटाने के लिए यह पर्याप्त होते है.
भारत और पाकिस्तान में भी परमाणु हथियारों का परीक्षा 1998 में किया गया था इसके बाद नार्थ कोरिया ने सन् 2006 और 2009 में परमाणु परिक्षण किया एवं CTBT होने के बाद भी परमाणु परिक्षण किये गए इसका कारण यही था की यह पूरी तरह से विश्व में लागू नहीं किया गया क्युकी 44 देशो के इसके ऊपर हस्ताक्षर नहीं किये थे पर बादमे 44 में से 35 देशो ने इसपर हस्ताक्षर कर दिए थे.
जो 9 देश बचे थे वो भारत, ईरान, इजराइल, पाकिस्तान, चीन, Egypt, इंडोनेशिया, यूनाइटेड स्टेट और नार्थ कोरिया थे पर इसमें से बादमे 6 अन्य देशो ने भी हस्ताक्षर किये थे उसके बाद भारत, पाकिस्तान और नार्थ कोरिया ही ऐसे देश बचे है जिन्होंने इसके ऊपर हस्ताक्षर नहीं किये.
आप सभी लोग जानते है की जब भारत में 1998 का परमाणु परिक्षण किया गया था तो वो बहुत ही छुपकर और सावधानी से किया गया था ताकि किसी को पहले इस परिक्षण का पता न चल सके उस वक्त सैटेलाइट से सभी देशो पर नजर रखी जाती थी की कोई देश चोरी छिपे परमाणु परिक्षण न कर सके.
CTBT से जुडी मुख्य बाते
CTBT से जुडी कुछ मुख्य बाते भी है जिसके बारे में पता होना आपके लिए काफी आवश्यक है इसमें हस्ताक्षर करने के नियम आदि निम्न तरह से होते है.
- कोई भी देश इसमें हस्ताक्षर करता है तो वो देश कभी इस समझौते के खिलाफ आवाज नहीं उठाएगा.
- इसमें केवल देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति ही हस्ताक्षर कर सकते है.
- कोई भी देश इस समझौते को रेटिफाई करता है तो इसका अर्थ है की वो पूर्ण रूप से इस समझौते को स्वीकार कर लिया है उसके बाद उस देश में भी यह कानून बन जाता है.
- रेटिफाई का अर्थ है की पार्लियामेंट में इसे पेश करना होगा व वहां पर यह पास होने के बाद यह उस देश का कानून बन जायेगा जिसके विरुद्ध कोई भी व्यक्ति नहीं जा सकता.
भारत को इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए कई बार कहा गया व इसके बारे में कई चर्चा और मीटिंग भी हुई साथ ही भारत के ऊपर इस समझौते को लेकर कई बार दबाव भी बनाया गया पर भारत ने अब तक इसके ऊपर हस्ताक्षर नहीं किये व यह कानून इस कारण से भारत में पूर्ण रूप से लागू नहीं है.
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इस आर्टिकल में हमने आपको CTBT Full Form के बारे में जानकारी दी है हमे उम्मीद है आपको हमारी बताई जानकारी उपयोगी लगी होगी अगर आपको जानकारी अच्छी लगे तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें और इससे जुड़ा किसी भी तरह का सवाल पूछना चाहे तो आप हमे कमेंट करके बता सकते है.