नमस्कार मित्रो आज हम आपको BPD Full Form In Hindi के बारे में रहे है आप सभी ने बीपीडी के बारे में तो कई बार सुना ही होगा पर इसका पूरा नाम क्या होता है और बीपीडी किसे कहते है इसके बारे में अधिकांश लोगो को जानकारी नहीं होती अगर आप  बीपीडी के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा.

BPD Full Form In Hindi

अक्सर हम सब कई तरह के अलग अलग शब्द सुनते है और इस्तेमाल करते है पर उनमे से ज़्यदातर शब्दों के बारे में हमे विस्तृत जानकारी नहीं होती बीपीओ भी इसी प्रकार का शब्द है जिसके बारे में बहुत ही कम लोगो को जानकारी होती है पर इससे जुडी जानकारी आपके जीवन में बहुत ही उपयोगी साबित हो सकती है इसलिए आपको BPD Full Form In Hindi के बारे में पता होना आवश्यक है.

BPD Full Form In Hindi

BPD क्या होता है और BPD किसे कहते है इसके बारे में बताने से पहले हम आपको इसके पुरे नाम के बारे में बता देते है जो की निम्न प्रकार से है.

BPD Full Form – Borderline Personality Disorder

हिंदी में BPD सीमा व्यक्तित्व विकार भी कहा जाता है और यह एक ऐसी स्थिति है इसमें पीड़ित व्यक्ति  बॉर्डर के बिच में जीते है एवं इस बीमारी की कोई भी विस्तृत और सटीक व्याख्या नहीं है इसे  एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति के साथ बात करने के विकार के रूप में इसकी  पहचान की जा सकती है.

न्यूरोसिस – यह ऐसी स्थिति होती है जिसमे व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान रहता है पर मानसिक रूप से परेशान रहने के बाद भी वह व्यक्ति धारणा और वास्तविकता के बिच अंतर बता सकता है.

साइकोसिस – यह वह स्थिति होती है जिसमे व्यक्ति भ्रमित होता है और वह व्यक्ति  धरना और वास्तविकता के बिच अंतर बताने में असमर्थ होता है.

बीपीडी एक आम पर्सनालिटी डिसऑर्डर होता है एवं यह समस्या पुरुषो की तुलना में महिलाओ में अधिक पायी जाती है इसका मुख्य कारण है की पुरुषो में यह बीमारी जल्दी पहचान में नहीं आती जिसके कारण उनके इलाज करवाने की संभावना भी कम होती है.

बीपीडी विकसित कैसे होती है

बीपीडी के विकसित होने के बारे में अभी तक स्पष्ट कारण ज्ञात नहीं हुआ है ज्यादातर समस्या में यह आनुवंशिकी और पर्यावण के कारको के कारण होता है और इसके साथ ही बचपन में होने वाली किसी घटना के  कारण भी बीपीडी विकसित हो सकता है.

कई मामलों में बीपीडी एक गंभीर समस्या बन जाती है जिसमे व्यक्ति खुद को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करता है और बीपीडी से पीड़ित व्यक्तियों में ज्यादातर लोग कभी भी घातक कदम उठा सकते है जिसके कारण इसको गंभीर बीमारियों में जाना जाता है.

बीपीडी से पीड़ित व्यक्तियों को मनोवैज्ञानिक और मेडिकल इलाज से ठीक करने का प्रयास किया जाता है यह इनके लिए काफी फायदेमंद साबित होते है व इनके इलाज के लिए सामुदायक मानसिक स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ काम करने वाले प्रशिक्षित पेशेवर शामिल होते है जो की कई तरह की अलग अलग मनोवैज्ञानिक थेरेपी का इस्तमाल करते है व इस इलाज के प्रभाव में एक वर्ष या इससे अधिक समय भी लग सकता है.

बीपीडी के लक्षण

बीपीडी के कई  लक्षण देखने को मिल सकते है जिसमें से कुछ लक्षण के बारे में हम आपको बता रहे है अगर किसी व्यक्ति में निम्न तरह के लक्षण दिखाई देते है तो उन्हें बीपीडी की समस्या हो सकती है.

  • बीपीडी से पीड़ित व्यक्ति को हमेशा डर महसूस होता है.
  • बीपीडी से पीड़ित व्यक्ति को गुस्सा बहुत अधिक आता है.
  • बीपीडी से पीड़ित व्यक्ति काफी चिड़चिड़े स्वभाव का होता है.
  • बीपीडी से पीड़ित व्यक्ति या तो किसी से बहुत ज्यादा प्यार करता  है या बहुत ज्यादा नफ़रत.
  • बीपीडी से पीड़ित व्यक्तियों के व्यवहार में बहुत ही जल्दी बदलाव होता है.
  • बीपीडी से पीड़ित व्यक्ति रिश्तो को लेकर असहज होते है एवं वो  किसी से भी जल्दी रिश्ता बनाना या तोडना शुरू कर देते है.

यह सभी लक्षण इसमें दिखाई दे सकते है एवं इससे पीड़ित व्यक्ति को बार बार अलग अलग विचार आते है और वो खुद को कुछ न कुछ नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते है एवं इस बीमारी में मूड स्विंग होता  है जिसके कारण कुछ घंटो में पीड़ित व्यक्ति खुद को काफी अच्छा महसूस करता है तो कुछ लोग सुबह के वक्त खुद को अच्छा महसूस करते है और खुश लोगो को शाम के वक्त अच्छा  महसूस होता है.

बीपीडी होने की मुख्य वजह

कई लोगो में अलग अलग कारणों से बीपीडी की समस्या होती है हम आपको इसके कुछ मुख्य कारण बता रहे है जिससे बीपीडी होने की संभावना अधिक होती है.

  • आनुवंशिकी – इसमें माता पिता के जिन के कारण बच्चे में बीपीडी की समस्या होने की संभावना हो सकती है.
  • हार्मोन का असंतुलित होना  -अगर किसी भी व्यक्ति के शरीर में हार्मोन असंतुलित है तो उसे बीपीडी होने की संभावना बढ़ सकती है.
  • हादसा – अक्सर किसी हादसे के कारण ज़्यदातर लोग बीपीडी का शिकार होते है अगर व्यक्ति बड़ा हादसा देखता है या उसे बड़ा शोक हो तो वो बीपीडी का शिकार हो सकता है.

निम्न अलग अलग कारणों से लोग बीपीडी का शिकार हो सकते है यह कुछ मुख्य कारण थे लेकिन निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता की केवल इन्ही कारणों से बीपीडी की समस्या हो सकती है.

बीपीडी से कैसे बचे

अगर आप खुद को बीपीडी जैसी समस्या से  बचाना चाहते है तो इसके लिए हम आपको कुछ बेहद ही ख़ास तरीके बता रहे है जिन्हे  अपनाकर आप बीपीडी जैसी समस्या से खुद का बचाव कर सकते है.

  • बीपीडी से बचने के लिए तनाव से दूर रहे और नेगेटिव वातावरण से दुरी बनाये रखे
  • बीपीडी से बचने के लिए हमेशा परिवार या दोस्तों के साथ रहे और अकेले रहने से बचे
  • आपको हमेशा बुरे विचार आदि से बचना चाहिए और खुद के लिए समय देना चाहिए
  • खेलकूद और मनोरंजन आदि में अपना समय व्यतीत करें

निम्न तरीके अपनाकर आप काफी हद तक बीपीडी जैसी गंभीर समस्या से खुद का बचाव् कर सकते है एवं इसके साथ ही आपको अन्य कोई तरीका पता हो जिससे की आप इस समस्या से खुद का बचाव कर सके तो उसे भी जरूर अपनाये.

बीपीडी से होने वाले नुकसान

बीपीडी की समस्या होने पर व्यक्ति को कई तरह की अलग अलग समस्या का सामना करना पड़ सकता है जिनमे कुछ समस्या निम्न प्रकार से है.

  • पीड़ित को नशे की लत लग सकती है इसलिए उसे अकेला कभी न छोड़े
  • व्यक्ति को रिश्ते निभाने में काफी परेशानी आती है
  • पीड़ित व्यक्ति को नौकरी करने में काफी परेशानी आती है
  • पीड़ित खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है
  • पीड़ित को फाइनेंसियल से जुडी समस्या का सामना करना पड़ सकता है

इस तरह से इस समस्या में व्यक्ति को कई तरह की अलग अलग समस्या होने लगती है व इन समस्या के कारण अगर सही वक्त पर डॉक्टर से संपर्क नहीं किया जाए तो बीपीडी की समस्या जल्दी ही बढ़ने लग जाती है जिससे और अधिक परेशानिया बढ़ने की संभावना हो सकती है.

इस आर्टिकल में हमने आपको BPD Full Form In Hindi के बारे में जानकारी दी है हमे उम्मीद है आपको हमारी बताई जानकारी उपयोगी लगी होगी अगर आपको जानकारी अच्छी लगे तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें और इससे जुड़ा किसी भी प्रकार का सवाल पूछना चाहे तो आप हमे कमेंट करके भी बता सकते है.

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