नमस्कार मित्रो आज हम आपको ARDS Full Form क्या होता है व ARDS किसे कहते है व इसके लक्षण क्या होते है इन सब के बारे में बताने वाले है कई लोगो को इसके बारे में जानकारी नहीं होती की यह क्या होता है व इसका इलाज कैसे किया जा सकता है तो इसके बारे में हम आपको आज पूरी जानकारी बताने वाले है.

ARDS Full Form in Hindi

अक्सर अपने कई बार ARDS के बारे में सुना या पढ़ा होगा परन्तु इसके बारे में बहुत ही कम लोगो को जानकारी होती है की यह क्या होता है व ARDS होने पर हमे क्या क्या लक्षण दिखाई देते है एवं यह कैसे ठीक किया जा सकता है और ARDS Full Form क्या है इसके बारे में आपको जानकारी रखनी बहुत ही जरुरी  है ताकि यह भविष्य में आपके लिए काफी उपयोगी हो सकती है.

ARDS Full Form in Hindi

ARDS क्या होता है इसके बारे में बताने से पहले हम आपको इसका पुरा नाम क्या होता है इसके बारे में बता रहे है.

ARDS Full Form – Acute Respiratory Distress Syndrome

हिंदी में इसको तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम भी कहा जाता है व यह श्वसन से सम्बंधित एक विकार होता है जो की नवजात शिशुओं में अधिक देखने को मिलता है.

ARDS क्या है

जैसे की हमने आपको बताया की यह एक श्वसन विकार होता है व यह सामान्य नवजात शिशुओं में पाया जाता है जिन बच्चो का जन्म गर्भावस्ता के 28वे सप्ताह से पहले हो जाता है उनको आईडीएस का खतरा अधिक रहता है वही जिन बच्चो का जन्म सही समय पर होता है उन बच्चो में इस प्रकार की समस्या होने का ख़तरा काफी कम रहता है.

ARDS होने की संभावना अक्सर शिशु के जन्म के 24 घंटो तक रखती है इसी बिच यह विकसित होने लग जाता है व गर्भावधि के 36 वे सप्ताह तक अगर किसी भी शिशु को सांस लेने में किसी भी प्रकार की परेशानी हो रही है तो ऐसे में ARDS होने की संभावना अधिक होती है व ऐसे शिशु को चिकित्सकीय इलाज के साथ साथ घर पर भी विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है.

ARDS के लक्षण

इस रोग के बारे में पता कारण के लिए आप इसके लक्षण को ध्यान में रख सकते है व इस रोग के होने पर अक्सर निम्न प्रकार के लक्षण दिखाई देते है जिसके माध्यम से इसकी पहचान की जा सकती है.

  • बहुत तेजी से सांस लेना
  • सांस लेने पर गरगराहट की आवाज का आना
  • हर बार सांस लेने पर नासिका का चौड़ा हुआ
  • त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए उस शिशु को पर्याप्त ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है
  • अपनीय होगा जैसे की कुछ सैकेंड के लिए बच्चो की साँस रुकने की समस्या

अगर किसी शिशु में निम्न प्रकार की समस्या दिखाई देती है तो ऐसे में बच्चो में ARDS होने का खतरा बना रहता है ऐसे में उस बच्चे को डॉक्टर की सलाह की आवश्यकता होती है.

ARDS होने के मुख्य कारण

यह समस्या बच्चो के फेफड़ो में सर्फ़ेक्टेट के बनने के कारण होती है व जब भ्रूण के फेफड़े गर्भावस्ता में तीसरे या 26 वे सप्ताह में होते है तो उस वक्त सर्फ़ेक्टेट  बनना शुरू हो जाता है व पर्याप्त सर्फ़ेक्टेट के न होने के कारण शिशु को सांस लेने में परेशानी होती है व इस कारण से बच्चो को सांस लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है व इससे बच्चो को जरुरत के अनुसार  बच्चो को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता परिणामस्वरूप बच्चो के अन्य अंग इस कारण से ख़राब होने लग जाते है.

ARDS का इलाज

इसके इलाज के लिए कुछ तरीको को अपनाया जाता है जिससे की इस बीमारी के बारे में पता लगाया जाता है व इसके बाद इसका सही उपचार किया जाता है यह निम्न प्रकार से होता है.

छाती का एक्सरे – इस प्रकार की समस्या होने पर बच्चो के छाती का एक्सरे करवाया जाता है व इसके माध्यम से फेफड़ो में कोलेप्स के बारे में पता लगाया जाता है व इसके बाद बच्चो का उपचार शुरू किया जाता है.

खून की जांच – इस प्रकार की समस्या होने पर बच्चो के खून की जांच भी की जाती है व इसके माध्यम से पता लगाया जाता है की बच्चे के खून में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन है या नहीं इससे इसका इलाज करने में आसानी होती है.

इसके आलावा इसमें ह्रदय से सम्बंधित रोग का ही पता लगाया जाता है व इस प्रकार की समस्या होने पर बच्चो का किसी अच्छे अस्पताल में इलाज करवाना चाहिए व अच्छे डॉक्टर की सलाह जरूर ले बच्चे की डॉक्टर की सलाह के अनुसार घर पर भी अच्छी देखभाल करे ताकि बच्चा इस प्रकार की परेशानी से छुटकारा प्राप्त कर सके.

इस आर्टिकल में हमने आपको ARDS Full Form क्या होता है व ARDS किसे कहते है इसके बारे में जानकारी दी है हमे उम्मीद है की आपको हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी उपयोगी लगी होगी अगर आपको जानकारी अच्छी लगे तो इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें व इससे सम्बंधित आप किसी भी प्रकार का सवाल पूछना चाहते है तो आप हमे कमेंट कर के भी बता सकते है.

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