आज का हमारा यह आर्टिकल ABG Full Form के बारे में है व इसमें हम आपको बताने वाले है की ABG क्या होता है व किसके कहते है व इसका इस्तमाल कब किया जाता है आदि से सम्बंधित जानकारी हम आपको बताने वाले है जिससे की आपको एबीजी के बारे में पूरी जानकारी इस आर्टिकल में प्राप्त हो सके.

ABG Full Form in Hindi

अक्सर अपने देखा होगा की अस्पताल आदि में अक्सर इस शब्द का इस्तमाल किया जाता है व किताबो में भी कई बार यह शब्द देखने और सुनने को मिलता है पर अधिकांश लोगो को इसके बारे में पता नहीं होता की यह क्या होता है और ABG Full Form क्या होता है.

ABG Full Form in Hindi

ABG क्या होता है इसके बारे में बताने से पहले हम आपको ABG का पूरा नाम क्या ताकि आपको इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो सके.

ABG Full Form – Arterial Blood Gas

हिंदी में इसको धमनी रक्त गैस भी कहा जाता है इसके आलावा भी इसके कई अर्थ होते है पर मुख्यत इस शब्द का पूरा नाम यही होता है.

ABG क्या है

इसके माध्यम से खून में मौजूद ऑक्सीजन और कार्बनडाई ऑक्साइड का पता लगाया जाता है व इसके अलावा खून में मौजूद पीएच अथवा एसिटिक अर्थात अम्लीय होने का भी पता लगाया जाता है.

सभी जीवो के खून में लाल रक्त कणिकाएं मौजूद होती है जो की हमारे पुरे शरीर में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड पहुंचने का कार्य करती है व इसके कारण इसको ब्लड गैसेस के नाम से भी जाना जाता है.

जब हम सांस लेते है या बाहर छोड़ते है तो ऐसे में फेफड़े उस ऑक्सीजन को रक्त में परिवर्तित कर देते है व उसे साथ ही कार्बन डाइऑक्साइड को यह बाहर फैकते है इस प्रक्रिया को एक्सचेंज कहा जाता है  व जीवित रहने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है क्युकी यह जीवित रहने के लिए शरीर को ऑक्सीजन प्रदान करती है.

आर्टेरिअल ब्लड गैसेस टेस्ट क्यों किया जाता है

इसके बारे में सभी लोगो के मन में अलग अलग विचार होते है की यह टेस्ट किसलिए किया जाता है हम बता दे की यह हमारे शरीर में मौजूद ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड की सही मात्रा बताने में मदद करते है जिसके कारण यह टेस्ट करवाया  जाता है इसके अलावा निम्न प्ररिस्थितियो में यह टेस्ट किया जा सकता है.

  • सांस या फेफड़ो से जुडी बीमारियों या समस्याओं का पता लगाने के लिए यह टेस्ट किया जाता है.
  • फेफड़ो से जुडी बीमारियों के इलाज के लिए इस टेस्ट को किया जाता है.
  • किसी व्यक्ति को ऑक्सीजन की आवश्यकता है या नहीं इसकी पुष्टि के लिए यह टेस्ट किया जाता है.
  • हमारे रक्त में मौजूद एसिड-बेस संतुलन की जांच के लिए भी यह टेस्ट करवाया जा सकता है.

निम्न परिस्थितियों में आर्टेरिअल ब्लड गैसेस टेस्ट करवाया जाता है जिससे की सम्बंधित बीमारी के बारे में पता लगाने में आसानी हो और व्यक्ति को सांस से सम्बंधित परेशानी में इलाज करने में आसानी हो.

ABG कब करवाए

आप जब भी आवश्यकता हो या किसी प्रकार की परेशानी होने पर डॉक्टर की सलाहनुसार यह टेस्ट करवा सकते है इसके आलावा निम्न परिस्थिति में आप यह टेस्ट करवा सकते है.

  • गुर्दे से जुडी समस्या, जैसे पथरी आदि
  • मेटाबोलिक सिंड्रोम
  • ह्रदय या गर्दन में किसी प्रकार की चोट लगना जिससे की सांस लेने में परेशानी हो

निम्न परिस्थिति में आप यह टेस्ट कर सकते है ताकि सांस से सम्बंधित परेशानी का पता लगाया जा सके व उसका सही इलाज किया जा सके.

ABG के दुष्परिणाम

इसके वैसे कोई ख़ास तो दुष्परिणाम नहीं होते पर इससे आपको निम्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए ABG के लिए डॉक्टर की सलाह लेनी जरुरी है.

  • जहा पर सुई लगायी जाती है वहा चोट लग्न
  • सुई वाली जगह पर संक्रमण होना
  • बेहोसी होने जैसा महसूस होना
  • घमनि में खून का जमना

इस टेस्ट में आपको निम्न प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है इसलिए यह टेस्ट आपको डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही  करवाना चाहिए.

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको ABG Full Form अथवा  ABG क्या होता है व इसका इस्तमाल कब होता है आदि से जुडी जानकारी बताने का प्रयत्न किया है हमे उम्मीद है आपको हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी उपयोगी लगी होगी अगर आपको जानकारी अच्छी लगे तो इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें व इससे सम्बंधित आप किसी भी प्रकार का सवाल पूछना चाहते है तो आप हमे कमेंट कर के भी बता सकते है.

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